EAC का दावा हिंदू आबादी में गिरावट, असदुद्दीन ओवैसी ने बताया व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट

    EAC की तरफ से आबादी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें दावा किया गया है कि आजादी के बाद हिंदू आबादी में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन मुस्लिम आबादी में बढ़ोत्तरी हुई है.

    EAC का दावा हिंदू आबादी में गिरावट, असदुद्दीन ओवैसी ने बताया व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट

    Asaduddin Owaisi on EAC Report

    हैदराबाद:
    ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी और और इसको व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट कहा. हिंदू आबादी की घटती हिस्सेदारी के बारे में पूछे जाने पर, ओवैसी ने कहा, "मुझे रिपोर्ट भेजे फिर मैं जवाब दूंगा. यह किसकी रिपोर्ट है? यह रिपोर्ट किसने बनाई? व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट है या फिर किसी ने बनाई है. 

    ओवैसी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की उस रिपोर्ट के बीच आई है जिसमें कहा गया है कि भारत में बहुसंख्यक हिंदू आबादी का हिस्सा 1950 से 2015 के बीच 7.82 प्रतिशत (84.68 प्रतिशत से 78.06) घट गया है, जबकि मुस्लिम आबादी का हिस्सा, जो 1950 में 9.84 प्रतिशत था, 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गया. मुस्लिम आबादी के हिस्से में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

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    BJP आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कांग्रेस को घेरा 

    इससे पहले आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अगर देश को कांग्रेस के भरोसे छोड़ दिया जाए. तो फिर हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं होगा.
    अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अमित मालवीय ने ट्वीट किया, "1950 और 2015 के बीच हिंदुओं की हिस्सेदारी 7.8% कम हो गई. मुस्लिम आबादी 43% बढ़ गई. कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ यही किया है. उन्हें छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं होगा.”

    ईसाई, बौद्ध, सिख और फारसी धर्मों में भी गिरावट 

    बता दें ईएसी रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई आबादी का हिस्सा 2.24 प्रतिशत से बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गया. इसमें 1950 और 2015 के बीच 5.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सिख आबादी का हिस्सा 1950 में 1.24 प्रतिशत से बढ़कर 2015 में 1.85 प्रतिशत हो गया. उनके हिस्से में 6.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यहां तक कि बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में भी वृद्धि देखी गई, जो 1950 में 0.05 प्रतिशत से बढ़कर 0.81 प्रतिशत हो गई. भारत की जनसंख्या में जैनियों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.36 प्रतिशत हो गई. भारत में पारसी आबादी की हिस्सेदारी में 85 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई, जो 1950 में 0.03 प्रतिशत थी अब 2015 में 0.004 फीसदी रह गई.

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