US Sanctions: इजरायल के साथ चल रहे विवादों के बीच ईरान के लिए मुसीबत अब और ज्यादा बढ़ गई है. अमेरिका ने 35 कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो ईरान के तेल को दूसरे देशों में ट्रांसपोर्ट करते हैं. आपको बता दें कि जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें 2 भारतीय फर्म भी शामिल हैं.
क्यों अहम माना जा रहा ये प्रतिबंध?
पहले से ही लड़खड़ा रही ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए इस प्रतिबंध को खतरनाक माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इससे ईरान कंगाल होने की स्थिति में भी पहुंच सकता है. अमेरिका के वित्तीय विभाग ने मंगलवार, 3 दिसंबर को इस प्रतिबंध का ऐलान किया था. इनमें भारत के दो फर्म- Vision Ship Management LLP, जो फोनिक्स को ऑपरेट और मैनेज करती है और Tightship Shipping Management Pvt Ltd पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर वार
अमेरिकी वित्तीय विभाग ने अपने एक बयान में कहा कि ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था. इस एक्शन से ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर के अतिरिक्त खर्चे पर प्रतिबंध लगा है. आपको बता दें कि ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर के ही पैसे का इस्तेमाल न्यूक्लियर प्रोग्राम को फंड करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा एडवांस ड्रोन्स और मिसाइल्स को डेवलप करने और आतंकी गतिविधियों को फंड करने के लिए भी इसी पैसे का इस्तेमाल होता है. ऐसे में अमेरिका ने ये प्रतिबंध लगाकर ईरान को चारों तरफ से तगड़ा झटका दिया है.
टेररिज्म एंड फाइनेंसियल इंटेलिजेंस के एक्टिंग अंडर-सेक्रेटरी ब्रैडली टी स्मिथ ने कहा कि अमेरिका उपकरणों और अधिकारियों का उपयोग करके इन अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने वाले जहाजों और ऑपरेटरों के गुप्त बेड़े को बाधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.