अमेरिका किसी का सगा नहीं, अब इस दोस्त को बीच मझधार में छोड़ा, दो मिलिट्री बेस किया खाली, जानें मामला

    अमेरिका ने सीरिया में अपनी सैन्य मौजूदगी को सीमित करने की प्रक्रिया के तहत उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित दो और सैन्य ठिकानों से सैनिकों की वापसी कर ली है.

    America has now betrayed this friend Know the matter
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    दमिश्क: अमेरिका ने सीरिया में अपनी सैन्य मौजूदगी को सीमित करने की प्रक्रिया के तहत उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित दो और सैन्य ठिकानों से सैनिकों की वापसी कर ली है. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब क्षेत्रीय सुरक्षा और इस्लामिक स्टेट (ISIS) के संभावित पुनरुत्थान को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

    दो और सैन्य अड्डे हुए खाली

    रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हसाका प्रांत में स्थित अल-वज़ीर और तेल बेदार नामक सैन्य ठिकानों से अमेरिकी सैनिकों को पूरी तरह हटा लिया गया है. इन ठिकानों पर अब केवल सीमित संख्या में स्थानीय कुर्द नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज़ (SDF) की तैनाती है. इस कदम के बाद से अब तक अमेरिका चार सैन्य अड्डे खाली कर चुका है.

    SDF की प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंताएं

    SDF के शीर्ष कमांडर जनरल मजलूम अब्दी ने कहा कि सैनिकों की यह वापसी सुरक्षा दृष्टिकोण से एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकती है. उन्होंने चेतावनी दी कि ISIS की गतिविधियाँ हाल के दिनों में बढ़ी हैं और यदि पर्याप्त सहयोग न मिला, तो चरमपंथी संगठन फिर से मजबूत हो सकता है.

    "ISIS का खतरा अभी टला नहीं है. हम अमेरिकी सेना के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि कोई सुरक्षा गैप न रह जाए," - जनरल मजलूम अब्दी

    अमेरिकी रणनीति में बदलाव

    ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित योजना के तहत, अमेरिका की सीरिया में सैन्य उपस्थिति को आठ से घटाकर केवल एक प्रमुख अड्डे तक सीमित किया जाएगा. साथ ही, सैनिकों की संख्या को 2,000 से घटाकर 500 तक लाया जा सकता है. इसका उद्देश्य है- सैन्य संख्याओं को सीमित रखते हुए, रणनीतिक संतुलन बनाए रखना.

    क्षेत्रीय समीकरण और जियोपॉलिटिक्स

    SDF को अमेरिका का एक अहम सहयोगी माना जाता रहा है, खासकर ISIS के खिलाफ संघर्ष में. हालांकि, अब अमेरिकी सेना की सीमित उपस्थिति से क्षेत्र में शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति तुर्की, सीरियाई शासन और अन्य क्षेत्रीय ताकतों के लिए नए समीकरण खड़ी कर सकती है.

    ISIS की गतिविधियों में तेजी

    SDF के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में ISIS की गतिविधियों में पुनः तेजी देखी गई है. दमिश्क समेत कुछ शहरों में संगठन की शाखाएँ फिर से सक्रिय हो गई हैं और हथियारबंद विद्रोही समूहों के साथ उनका संपर्क भी बढ़ा है.

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