अब RBI के दरों में कटौती की उम्मीद में कुलाचें मार रहा भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स पहली बार 84000 के पार

    विशेषज्ञ भारतीय बाज़ारों में इस मज़बूत उछाल की क्रेडिट अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती के फ़ैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संभावित दरों में कटौती को देते हैं.

    अब RBI के दरों में कटौती की उम्मीद में कुलाचें मार रहा भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स पहली बार 84000 के पार
    भारतीय शेयर सूचकांक, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाज़ारों में लगातार उछाल देखने को मिल रही है. निफ्टी और सेंसेक्स सूचकांकों में तेज़ी जारी है. शुक्रवार को सेंसेक्स ने 84,000 का आंकड़ा पार किया, जो कि सिर्फ़ 8 दिनों में 1,000 अंकों की बढ़त है. इससे पहले, 12 सितंबर को सेंसेक्स ने पहली बार 83,000 का आंकड़ा पार किया था और अब बुल मार्केट की नज़र 85,000 के लेवल पर है.

    विशेषज्ञ भारतीय बाज़ारों में इस मज़बूत उछाल का श्रेय अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती के फ़ैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संभावित दरों में कटौती को देते हैं.

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    विशेषज्ञों ने कहा- अमेरिकी फेड रेट कट से भारतीय अर्थव्यवस्था फ्लो में

    उन्होंने कहा कि अमेरिका में इस तरह के कदम से भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में लिक्विडिटी का प्रवाह बढ़ा है, जहां अमेरिका की तुलना में ऊंची ब्याज दरों के कारण निवेश पर अधिक आकर्षक रिटर्न हैं. बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने बताया कि, "फेड रेट कट, विशेष रूप से फ्रंट लोडेड जंबो रेट कट उभरते बाजारों में इक्विटी प्रवाह के बदलाव का संकेत है.

    एमएससीआई इंडिया इंडेक्स के ऊंचे मूल्यांकन के कारण कई विदेशी ब्रोकरेज ने "अंडरवेट" रेटिंग के कारण भारत में इतना मजबूत एफआईआई प्रवाह नहीं देखा है, जो 1 वर्ष के आगे के पीई 24.7 पर है."

    उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, जैसे-जैसे अधिक प्रवाह उपलब्ध होंगे, यह बदल सकता है और हम भारतीय बाजारों में एफआईआई प्रवाह को मजबूती से वापस आते हुए देख सकते हैं. कोई भी छोटा सुधार निश्चित रूप से भारतीय बाजार को और अधिक आकर्षक बनाता है क्योंकि भारत मजबूत मैक्रो, प्रो-ग्रोथ पॉलिसी व्यवस्था, एक बड़े घरेलू उपभोग बाजार के साथ-साथ पूंजी वाले बैंकों व मजबूत कॉर्पोरेट आय का नजर आना आकर्षक है."

    तरलता भारतीय बाजारों को नई ऊंचाई पर ले जा रही

    तरलता (लिक्विडिटी) का यह प्रवाह भारतीय बाजारों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है, निवेशकों की भावना तेजी से बढ़ रही है क्योंकि बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार आरबीआई की दर में कटौती की उम्मीद ने आशावाद को और बढ़ाया है, जिससे भारतीय शेयर सूचकांक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं, क्योंकि निवेशकों को निकट भविष्य में बेहतर आर्थिक स्थितियों और मजबूत कॉर्पोरेट आय की उम्मीद है.

    विजय चोपड़ा मार्केट एक्सपर्ट ने कहा, "कल भारतीय शेयर बाजारों में सुधार का दौर देखा गया, लेकिन आज गति बढ़ रही है क्योंकि निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया दरों में कटौती के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से दरों में कटौती की उम्मीद है. बाजार अक्सर वास्तविक घोषणाओं से पहले बढ़ते हैं, जो किसी भी औपचारिक निर्णय से पहले अपेक्षाओं को दिखाता है. निवेशक इस गति पर सवार हैं, जो कम ब्याज दरों की संभावना से प्रेरित है, जो आर्थिक गतिविधि और कॉर्पोरेट आय को बढ़ावा देगा."

    शुक्रवार को निफ्टी इंडेक्स ने 25,725.60 पर एक नया उच्च स्तर भी छुआ और सेंसेक्स ने इस रिपोर्ट को दाखिल करने के समय 84,240.50 अंक का नया उच्च स्तर दर्ज किया.

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