नवादा में महादलितों का घर फूंकने जाने पर तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर सवाल, कहा- वह चुप क्यों हैं

    नवादा में हा 18 सितंबर की रात को एक चौंकाने वाली घटना में, नवादा जिले के कृष्णानगर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अज्ञात बदमाशों ने करीब 20-25 घरों में आग लगा दी.

    नवादा में महादलितों का घर फूंकने जाने पर तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर सवाल, कहा- वह चुप क्यों हैं
    पटना में तेजस्वी यादव देशव्यापी मेंबरशिप कैंपेन लॉन्च के दौरान | Photo- ANI

    पटना (बिहार) : नवादा में कम से कम 20-25 घरों में आग लगा दिए जाने की हिंसक घटना के मद्देनजर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है.

    यादव ने राज्य में बढ़ती हत्या दर, दलितों के घरों पर हमले और डकैती, अपहरण और यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं सहित कई मुद्दों को उठाया.

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    तेजस्वी ने नीतीश कुमार की चुप्पी पर उठाया सवाल

    राजद नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अराजकता के बीच चुप रहने का आरोप लगाया और सवाल किया कि उन्होंने इन महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में मीडिया या जनता से संवाद क्यों नहीं किया.

    यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "बिहार में हर दिन हत्याएं हो रही हैं. दलितों के घर जलाए जा रहे हैं. लूट, अपहरण और फिरौती की घटनाएं हो रही हैं. बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है, अपराधी बेकाबू हैं. थाने और प्रखंड में फैले भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त है. शराबबंदी के नाम पर पुलिस धन उगाही में व्यस्त है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन सभी ज्वलंत मुद्दों पर चुप और निष्क्रिय हैं."

    यादव ने एक्स पर लिखा, "कुछ अधिकारी उन्हें केवल आधे-अधूरे और निर्माणाधीन परियोजनाओं के निरीक्षण, उद्घाटन और शिलान्यास के लिए ले जाते हैं ताकि लगे कि सब कुछ ठीक है. अगर सब कुछ ठीक है तो मुख्यमंत्री मीडिया और जनता से संवाद क्यों नहीं करते? जब मुख्यमंत्री किसी क्षेत्र या जिले का दौरा करते हैं तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं बुलाया जाता? विभागीय मंत्रियों को साथ क्यों नहीं रखा जाता? मुख्यमंत्री स्थापित लोकतांत्रिक मानदंडों, परंपराओं और मूल्यों को खत्म कर रहे हैं."

    20 से 25 घरों को आग लगाई गई, विपक्ष का हमला

    नवादा में हाल ही में हुई हिंसा ने राज्य सरकार के कानून व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है, जिससे विपक्ष स्थिति के बारे में बोलने लगा है. 18 सितंबर की रात को एक चौंकाने वाली घटना में, नवादा जिले के कृष्णानगर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अज्ञात बदमाशों ने करीब 20-25 घरों में आग लगा दी.

    विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की. बिहार में बहुजनों के खिलाफ अन्याय को उजागर करते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने समुदाय को दबाने के लिए एनडीए सहयोगियों पर हमला किया.

    राहुल गांधी ने बताया था इसे डरावनी तस्वीर

    राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "नवादा में महादलितों की पूरी बस्ती को जला देना और 80 से अधिक परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के साथ अन्याय की डरावनी तस्वीर को उजागर कर रहा है. अपने घर और संपत्ति खो चुके दलित परिवारों की चीखें और भीषण गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में पैदा हुआ आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में सफल नहीं हो पाया."

    एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए और बहुजनों को डराने-धमकाने वाले अराजकतावादियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि ऐसी घटना पर प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बड़ी साजिश को "मंजूरी" देती है.

    कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, "बिहार सरकार और राज्य पुलिस को इस शर्मनाक अपराध के सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को पुनर्वासित करके उन्हें पूरा न्याय प्रदान करना चाहिए."

    बसपा प्रमुख मायावती ने घटना को दुखद, गंभीर बताया

    बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्र से पीड़ितों की मदद करने को कहा. मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "बिहार के नवादा में दबंगों द्वारा गरीब दलितों के कई घरों को जलाकर उनका जीवन बर्बाद करने की घटना अति-दुःखद व गम्भीर है. सरकार दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे तथा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए पूरी आर्थिक मदद भी करे."

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