52.81 करोड़ प्रधानमंत्री जन-धन खातों में 2.30 लाख करोड़ रुपये हुए हैं जमा, लोकसभा में सरकार ने बताया

    इस योजना का मकसद बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा देना, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना, लोगों को वित्तपोषित और वंचित व कम सेवा वाले क्षेत्रों की सुविधा देना है.

    52.81 करोड़ प्रधानमंत्री जन-धन खातों में 2.30 लाख करोड़ रुपये हुए हैं जमा, लोकसभा में सरकार ने बताया
    रुपये, प्रतीकात्मक तस्वीर.

    नई दिल्ली : एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) के तहत कुल 52.81 करोड़ जन-धन खातों में जमा राशि 2,30,792 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.

    सरकार ने अगस्त 2014 में राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन (एनएमएफआई) की शुरुआत की, जिसका नाम है प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई), जिसका मकसद बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा देना, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना, लोगों को वित्तपोषित और वंचित व कम सेवा वाले क्षेत्रों की सुविधा देना है.

    केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कुल जन-धन खातों में महिला जन-धन खातों की संख्या 55.6 प्रतिशत है. महिला जन धन खाताधारकों के खातों में करीब 29.37 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं.

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    66.6% खाते गांव और अर्ध शहरी क्षेत्र में खोले गए

    केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, करीब 35.15 करोड़ या 66.6 प्रतिशत पीएमजेडीवाई खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं.

    मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) जैसी विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की हैं.

    19.07.2024 तक, पीएमजेजेबीवाई के तहत किसी भी कारण से मृत्यु के लिए 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान करने के लिए लगभग 20.48 करोड़ नामांकन किए गए हैं.

    उन्होंने कहा कि पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपये (मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता) और 1 लाख रुपये (स्थायी आंशिक विकलांगता) का एक वर्षीय आकस्मिक कवर प्रदान करने के लिए लगभग 45.08 करोड़ नामांकन किए गए हैं.

    अटल पेंशन योजना के तहत 6.71 करोड़ नामांकन

    मंत्री के अनुसार, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत पात्र ग्राहकों को मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए 6.71 करोड़ नामांकन किए गए हैं.

    चौधरी ने आगे कहा कि देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विभिन्न क्रेडिट-लिंक्ड योजनाएं शुरू की हैं. मंत्री के अनुसार, पीएमएमवाई के तहत आय-अर्जक गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के सूक्ष्म/लघु व्यवसाय इकाइयों को कोलैटरल-फ्री संस्थागत धन प्रदान करने के लिए 29.93 लाख करोड़ रुपये (12.07.2024 तक) की राशि के लगभग 48.92 करोड़ ऋण मंजूर किए गए हैं.

    उन्होंने बताया कि स्टैंड-अप इंडिया योजना (एसयूपीआई) के तहत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को ग्रीनफील्ड परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 53,609 करोड़ रुपये (15.07.2024 तक) की राशि के 2.36 लाख ऋण मंजूर किए गए हैं.

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