असम बाढ़ की चपेट में 29 जिलों के 23 लाख लोग- पानी में डूबे घर, लोगों सड़कों पर रहने को मजबूर

    ब्रह्मपुत्र नदी के आस-पास 15-20 गांवों के लिए आने-जाने का जरिए देसी नाव ही बची है. जिला प्रशासन के अनुसार, बाढ़ के पानी ने जिले में 1609 हेक्टेयर फसल को जलमग्न कर दिया है.

    असम बाढ़ की चपेट में 29 जिलों के 23 लाख लोग- पानी में डूबे घर, लोगों सड़कों पर रहने को मजबूर
    मोरीगांव के बालिमुख गांव में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 6 जुलाई को नाव चलाता एक व्यक्ति | Photo- ANI

    दारंग (असम) : असम में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है, बाढ़ से 29 जिलों में 23 लाख लोग प्रभावित हैं. दारंग जिले में स्थिति सुधर रही है, जहां बाढ़ से 1.63 लोग प्रभावित हुए हैं और 98 गांव जलमग्न हो गए हैं. लोग सड़कों और तटबंधों पर आकर शरण ली है. हालांकि ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर घट रहा है.

    असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने रविवार को दारंग जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया.

    हजारिका ने बताया ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर अब घट रहा है.

    हजारिका ने कहा, "इस बार असम में चार तटबंध टूटे हैं. नदी के किनारे बहुत तबाही हुई है. हम स्थिति पर गंभीरता से नज़र रख रहे हैं. हम अपने लोगों की मदद कर रहे हैं. हम बाढ़ प्रभावित लोगों को पर्याप्त बाढ़ राहत सामग्री दे रहे हैं. ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर अब कम हो रहा है और मेरा मानना ​​है कि अगले 5 से 7 दिनों में स्थिति अच्छी रहेगी. पिछली बाढ़ के मुकाबले तबाही कम है. बाढ़ की दूसरी बार आने पर सिर्फ़ चार जगहों पर तटबंध टूटे हैं. नदी किनारे रहने वाले लोग बहुत ज़्यादा प्रभावित हुए हैं."

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    मंत्री ने कहा- इस साल 220 किमी तटबंध बनाने जा रही हमारी सरकार

    उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस साल राज्य में 220 किलोमीटर नए तटबंध बनाने जा रही है. हजारिका ने कहा, "इसके पूरा होने के बाद, हमारे पास केवल 120 किलोमीटर का बिना तटबंध वाला क्षेत्र होगा. मुझे लगता है कि अगले साल तक हम इसे भी पूरा कर लेंगे. दो साल बाद, असम में कोई भी तटबंध रहित हिस्सा नहीं होगा. हम पहले बनाए गए सभी तटबंधों का रखरखाव कर रहे हैं. समय-समय पर हम तटबंधों को मजबूत कर रहे हैं."

    दूसरी ओर, भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, "केंद्र ने राज्य सरकार को हर संभव मदद मुहैया कराई है और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया."

    सैकिया ने कहा, "राज्य में बाढ़ एक नियमित घटना है. सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान कर रही है. दरांग जिले में 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं."

    सैकिया ने कहा- शाह निगरानी कर रहे, पीएम मोदी ले रहे हर अपडेट

    उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री से नियमित अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि जल संसाधन विभाग के लिए बजट आवंटन कांग्रेस के कार्यकाल के 200-250 करोड़ रुपये से बढ़कर भाजपा शासन में 2500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.

    दूसरी ओर, मिसामारी चार, बोरोचर, एगाराची चार, बोगमारी, हाटीपोरी, अल्गा चार, हाटियाला चा, चटियारा, डेका चार और वार चार क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को बाढ़ के कारण सभी सड़कें जलमग्न होने के बाद भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

    15-20 गांव के लिए आने-जाने का जरिया बस नाव, लोग सड़कों पर आए

    ब्रह्मपुत्र नदी के आस-पास स्थित लगभग 15-20 गांवों के स्थानीय लोगों के लिए आने-जाने का जरिए देसी नाव ही बची है.

    जिला प्रशासन के अनुसार, बाढ़ के पानी ने जिले में 1609 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है.

    हाटीपोरी चार निवासी मुख्तार अली ने कहा कि "लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है."

    सुकुर अली ने कहा कि "दारंग जिले के चार क्षेत्रों (नदी के किनारे के क्षेत्र) में 10,000-15,000 लोग प्रभावित हुए हैं."

    दरांग जिले में बाढ़ प्रभावित कई लोग बाढ़ के पानी में अपने घरों के डूब जाने के बाद सड़कों और तटबंधों पर शरण ले रहे हैं.

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