प्रियंका गांधी ने असम में बाढ़ से मौतों पर जताया दुख, कार्यकर्ताओं से लाखों प्रभावितों की मदद को कहा

    कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, "काजीरंगा में बड़ी संख्या में जानवर भी मारे गए हैं और कई घायल हैं. हमारी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं."

    प्रियंका गांधी ने असम में बाढ़ से लोगों की मौत पर जताया दुख, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा- मदद करें
    रायबरेली में 16 मई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एक जनसभा के दौरान, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने असम में बाढ़ की स्थिति के कारण लोगों की मौत पर दुख जताया और पार्टी सदस्यों से राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का आग्रह किया.

    बाढ़ से हुई मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए, प्रियंका गांधी ने रविवार को एक्स पर पोस्ट किया, "असम में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबर बहुत दुखद है. लगातार बिगड़ते हालात के कारण लाखों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं."

    पोस्ट में लिखा है, "काजीरंगा में बड़ी संख्या में जानवर भी मारे गए हैं और कई घायल हैं. हमारी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं."

    अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं, राज्य और केंद्र सरकार से मदद की अपील

    प्रियंका गांधी ने कहा, "मैं कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि वे राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लें. मैं यह भी अनुरोध करती हूं कि राज्य और केंद्र सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करें."

    इस बीच, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने शनिवार को बताया कि पिछले एक महीने में असम में बाढ़ की भयावह स्थिति ने पूरे राज्य में 58 लोगों की जान ले ली है. ASDMA के अनुसार, शनिवार को छह और लोगों की जान चली गई, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या 52 से बढ़कर 58 हो गई.

    यह भी पढे़ं : राहुल ने हाथरस भगदड़ मामले में CM योगी को लिखा पत्र, कहा- दिया जाने वाला मुआवजा काफी नहीं इसे बढ़ाएं

    धुबरी और दरंग सबसे ज्यादा, बाढ़ के पानी में दो लोग डूबे

    धुबरी सबसे अधिक प्रभावित जिला है, उसके बाद कछार और दरंग हैं. विनाशकारी बाढ़ के पानी के कारण जान-माल का नुकसान हुआ है, बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है, सड़कें बंद हो गई हैं, फसलें नष्ट हो गई हैं और पशुधन की हानि हुई है. सैकड़ों लोग बेघर और आफत में आ गए हैं.

    ASDMA बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, 6 जुलाई को चराइदेव जिले में दो लोग बाढ़ के पानी में डूब गए, और गोलपारा, मोरीगांव, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.

    राज्य में बाढ़ की समग्र स्थिति में शनिवार को थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन 29 जिलों में 2.396 मिलियन से अधिक लोग बाढ़ की दूसरी लहर से प्रभावित हैं.

    राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों का ये रहा आंकड़ा

    धुबरी सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 797,918 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद कछार में 175,231, दरांग में 163,218, बारपेटा में 131,246, गोलाघाट में 109,470, नलबाड़ी में 105,372 और दक्षिण सलमारा जिले में 100,926 लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के पानी ने 107 राजस्व सर्किलों के अंतर्गत 3,535 गांवों को जलमग्न कर दिया है और 68,768.5 हेक्टेयर फसल डूब गई हैं.

    बाढ़ प्रभावित जिलों में धुबरी, कछार, हैलाकांडी, कामरूप, गोलपारा, चराईदेव, बिस्वनाथ, बारपेटा, नलबाड़ी, बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, होजई, लखीमपुर, धेमाजी, दक्षिण सलमारा, नागांव, मोरीगांव, करीमगंज, चिरांग, कोकराझार, दरांग, शिवसागर, जोरहाट, सोनितपुर, कार्बी आंगलोंग, तिनसुकिया, माजुली और कामरूप (एम) शामिल हैं.

    ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां उफान पर, खतरे के निशान से ऊपर

    ब्रह्मपुत्र नदी सहित 10 नदियां उफान पर हैं और कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर नेमाटीघाट, तेजपुर, धुबरी और गोलपारा में खतरे के निशान से ऊपर है.

    27 जिलों में 577 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 526,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं.

    रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से 1,549,161 जानवर प्रभावित हुए हैं.

    काजीरंग नेशनल पार्क में 6 गैंडों समेत 114 जंगली जानवर मरे

    दूसरी ओर, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ में छह गैंडों सहित 114 जंगली जानवरों की मौत हो गई है.

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को गुवाहाटी के ज्योतिनगर इलाके का दौरा किया और बच्चे अविनाश सरकार के माता-पिता से मुलाकात की, जो विनाशकारी बाढ़ के बाद इलाके में एक मंदिर के पास नाले में गिरने के बाद लापता हो गया है. मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की, घटना स्थल का दौरा किया और चल रहे तलाशी अभियान का जायजा लिया.

    उन्होंने संबंधित विभागों और खोज टीमों को बच्चे का पता लगाने के लिए अपने अभियान को तेज करने का निर्देश दिया. इससे पहले शुक्रवार को सीएम सरमा ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए डिब्रूगढ़ शहर का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का पैदल दौरा किया, निवासियों से बातचीत की और बाढ़ की समस्या का कम्युनिटी ड्रिवेन (समुदाय-संचालित) समाधान खोजने के लिए विशेषज्ञों से बातचीत की.

    यह भी पढे़ं : BSP चीफ मायावती ने तमिलनाडु में मारे गए पार्टी अध्यक्ष को दी श्रद्धांजलि, मामला CBI को सौंपने की अपील की

    भारत