कर्नाटक में 100% आरक्षण, क्या है Congress की सियासी चाल?

    राजनीतिक विरोधी इसे राष्ट्रवाद की भावना पर चोट मानते हैं और अगर सौ फ़ीसदी आरक्षण देने की मजबूरी हो जाएगी, तो क्या निजी कंपनियां कर्नाटक का रुख़ करने से कतराएंगी.

    हमारे शो दहाड़ की तस्वीर | Photo- Bharat 24

    नई दिल्ली : कर्नाटक सरकार ने जो फ़ैसला लिया है उससे सियासी वार पलटवार तेज़ हो गया है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कन्नड़ प्रेम के नाम पर नया बिल लाने की तैयारी की है. इसके तहत कर्नाटक में चलने वाली सभी निजी कंपनियों में 100 प्रतिशत का आरक्षण देना होगा.

    ग्रुप सी और ग्रुप डी के लिए कन्नड़ लोगों को शत प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान इस बिल में किया गया है, जिसे कल विधानसभा में पेश किया जाएगा.

    सिद्धारमैया सरकार का ये फ़ैसला सियासी संग्राम का सबब बन चुका है. राजनीतिक विरोधी इसे राष्ट्रवाद की भावना पर चोट मानते हैं तो साथ ही अगर सौ फ़ीसदी आरक्षण देने की मजबूरी हो जाएगी, तो क्या निजी कंपनियां कर्नाटक का रुख़ करने से कतराएंगी.

    साथ ही क्या ऐसी मजबूरी खड़ी कर कर्नाटक सरकार निवेशकों को आकर्षित कर पाएगी. अगर निजी निवेशक दूर हुए तो क्या कर्नाटक के विकास के लिए ये फ़ैसला रोड़ा साबित होगा. कई पहलुओं को टटोलने की कोशिश आज के हमारे शो दहाड़ में देखें.

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