'निवेशक चिंता न करें, हम लोकल लोगों को मौका दे रहे', कर्नाटक में निजी क्षेत्र में कोटे पर बोले DK शिवकुमार

    शिवकुमार ने कहा, "किसी भी निवेशक को चिंता करने की ज़रूरत नहीं. कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रतिभाशाली हैं और राज्य के बाहर से आए हैं. हम चाहते हैं कि वे कर्नाटक में काम करें."

    'निवेशक चिंता न करें, हम लोकल लोगों को मौका दे रहे', कर्नाटक में निजी क्षेत्र में कोटे पर बोले DK शिवकुमार
    कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए | Photo- ANI के वीडियो से ग्रैब्ड.

    बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को राज्य सरकार के निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों के लिए नौकरियों को आरक्षित करने के फ़ैसले पर बात की और इस बात पर ज़ोर दिया कि निवेशकों को चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है.

    कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को निजी उद्योगों में कन्नड़ लोगों के लिए प्रशासनिक पदों के लिए 50 प्रतिशत और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करने वाले विधेयक को मंज़ूरी दे दी.

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    'हम बाहरी लोगों का नुकसान नहीं चाहते, लोकल लोगों को मौका देना चाहते हैं'

    रिपोर्टरों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, "किसी भी निवेशक को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. हम चाहते हैं कि निवेशक कर्नाटक आएं. कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रतिभाशाली हैं और राज्य के बाहर से आए हैं. हम चाहते हैं कि वे कर्नाटक में काम करें."

    उन्होंने आगे कहा, "बाहरी लोगों के यहां काम करने आने की वजह से बेंगलुरु की आबादी 1.4 करोड़ हो गई है. हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते. हम सिर्फ उन्हें (स्थानीय लोगों को) मौका देना चाहते हैं. इस मुद्दे पर कुछ सुझाव आए हैं, हम इस पर विचार कर रहे हैं."

    डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि नियोक्ता और कर्मचारी से ज्यादा वे चिंतित हैं. शिवकुमार ने कहा, "हम देखेंगे कि हम कन्नड़ लोगों को कहां समायोजित कर सकते हैं."

    नैसकॉम के विरोध पर कहा, उन्हें निराश नहीं होना चाहिए

    इस फैसले पर नैसकॉम के बयान के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, "नैसकॉम को निराश नहीं होना चाहिए, हम उनकी बात सुनेंगे."

    गौरतलब है कि देश में प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकाय नैसकॉम ने कर्नाटक राज्य स्थानीय उद्योग कारखाना स्थापना अधिनियम विधेयक, 2024 के पारित होने के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है. अपनी निराशा व्यक्त करते हुए, नैसकॉम ने राज्य सरकार से विधेयक वापस लेने का आग्रह किया है.

    "नैसकॉम के सदस्य इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं और राज्य सरकार से विधेयक वापस लेने का आग्रह कर रहे हैं. विधेयक के प्रावधानों से प्रगति को उलटने, कंपनियों को दूर भगाने और स्टार्टअप्स को दबाने की चिंता जताई गई है, खासकर तब जब अधिक वैश्विक फर्म (जीसीसी) राज्य में निवेश करना चाह रही हैं."

    राज्य की प्रगति रुकने को लेकर जताई है चिंता

    साथ ही, बयान में कहा गया है कि यह कदम कंपनियों को पलायन करने के लिए मजबूर कर सकते हैं क्योंकि स्थानीय कुशल प्रतिभा दुर्लभ हो जाती है. नैसकॉम ने कहा कि टेक सेक्टर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25 प्रतिशत का योगदान देता है, देश की एक चौथाई डिजिटल प्रतिभा, 11,000 से अधिक स्टार्टअप और कुल जीएनयू कंपाइलर संग्रह (जीसीसी) का 30 प्रतिशत हिस्सा रखता है. निकाय ने कहा कि प्रतिबंध कंपनियों को स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर सकते हैं क्योंकि स्थानीय रूप से कुशल प्रतिभा दुर्लभ हो जाती है.

    इसने आगे कहा कि विधेयक के प्रावधानों से राज्य ने प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में जो हासिल किया है, उसके पलटने को लेकर चिंता है.

    उद्योग संगठन ने आग्रह किया, "नैसकॉम राज्य प्राधिकारियों के साथ उद्योग प्रतिनिधियों की एक तत्काल बैठक चाहता है, ताकि चिंताओं पर चर्चा की जा सके और राज्य की प्रगति को बाधित होने से बचाया जा सके."

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