नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक बार फिर खेल की दुनिया पर भी गहरा असर डाला है. सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान की हॉकी टीम आगामी हॉकी एशिया कप 2025 के लिए भारत आएगी? या फिर एक बार फिर राजनीति और आतंक के साये में खेल रुक जाएगा?
27 अगस्त से 7 सितंबर तक बिहार के राजगीर में आयोजित होने वाला हॉकी एशिया कप एशिया की शीर्ष आठ टीमों की प्रतिस्पर्धा का मंच है. यह टूर्नामेंट न सिर्फ क्षेत्रीय गर्व का विषय होता है, बल्कि अगले साल होने वाले एफआईएच हॉकी वर्ल्ड कप में सीधी एंट्री के लिए भी निर्णायक होता है. हालांकि इस बार टूर्नामेंट के आयोजन से पहले ही भारत-पाक तनाव ने इसमें अनिश्चितता का रंग घोल दिया है.
सुरक्षा से बड़ा कोई मुद्दा नहीं
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, ने भारत को गहरा झकझोर दिया. हमले के पीछे पाकिस्तान से संचालित आतंकी समूहों का हाथ होने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.
इस सैन्य कार्रवाई के बाद सीमा पर तनाव अपने चरम पर पहुंच गया और भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी. इससे पाकिस्तान की हॉकी टीम के एशिया कप में हिस्सा लेने की संभावनाएं बेहद धुंधली हो गई हैं.
हॉकी इंडिया: 'सरकार का फैसला अंतिम'
हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने इस मुद्दे पर बेहद संतुलित प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा: "ऐसे संवेदनशील समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी जल्दबाजी होगी. अभी टूर्नामेंट में लगभग तीन महीने का समय है. सरकार द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, हॉकी इंडिया उनका पूरी तरह पालन करेगी."
यह स्पष्ट संकेत है कि फिलहाल हॉकी इंडिया सीधे निर्णय लेने की स्थिति में नहीं, और अंततः यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की नीति पर निर्भर करेगा.
टूर्नामेंट पाकिस्तान के बिना भी संभव
यदि भारत सरकार पाकिस्तान टीम को वीजा नहीं देती है तो क्या टूर्नामेंट रद्द होगा? नहीं. हॉकी इंडिया और एशियन हॉकी फेडरेशन (AHF) इस पर भी विचार कर चुके हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया: "यदि पाकिस्तान को भारत में खेलने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो टूर्नामेंट पाकिस्तान के बिना भी कराया जाएगा. पूर्व में भी ऐसा हो चुका है."
यानी पाकिस्तान के बिना टूर्नामेंट की योजना वैकल्पिक टीमों के आमंत्रण या सात टीमों के फॉर्मेट के साथ भी संभव है.
इतिहास दोहराएगा खुद को?
2016 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब पठानकोट आतंकी हमले के बाद भारत ने जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. उस वक्त पाकिस्तान टीम को वीजा नहीं मिला था और मलेशिया को उनके स्थान पर टूर्नामेंट में शामिल किया गया था.
अब एक बार फिर वैसा ही दृश्य बनता दिख रहा है. इस बार भी विकल्पों में अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, या मलेशिया की बी टीम को शामिल किया जा सकता है.
पाकिस्तान की अनुपस्थिति के असर
1. खेल की गुणवत्ता पर असर
पाकिस्तान हॉकी की दुनिया में कभी महान टीमों में गिना जाता था, लेकिन बीते दो दशकों में उनका प्रदर्शन गिरता गया है. बावजूद इसके, भारत-पाक मैच आज भी प्रशंसकों के लिए खास होता है. यदि पाकिस्तान अनुपस्थित रहा, तो प्रतिस्पर्धा का रोमांच और दर्शकों की रूचि पर असर पड़ सकता है.
2. राजनीतिक संदेश
भारत की ओर से पाकिस्तान को वीजा न देना, एक सख्त कूटनीतिक और सैन्य संदेश होगा, जो ये दर्शाएगा कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के सवाल पर कोई समझौता नहीं करेगा — भले ही वह खेल ही क्यों न हो.
हॉकी एशिया कप 2025: टूर्नामेंट का फॉर्मेट
स्थान: राजगीर, बिहार
तारीखें: 27 अगस्त – 7 सितंबर
टीमें: भारत, पाकिस्तान, जापान, कोरिया, चीन, मलेशिया, ओमान, चीनी ताइपे
फॉर्मेट: दो ग्रुपों में बांटकर राउंड रॉबिन मुकाबले, फिर सेमीफाइनल और फाइनल
वर्ल्ड कप की अहमियत
वर्ष 2026 में हॉकी वर्ल्ड कप नीदरलैंड के एम्सटर्डम में आयोजित किया जाएगा. एशिया कप जीतने वाली टीम को सीधे उस वर्ल्ड कप में स्थान मिलेगा. भारत और पाकिस्तान दोनों टीमें अब तक तीन-तीन बार एशिया कप जीत चुकी हैं और चौथी बार खिताब पाने के लिए तैयार थीं. लेकिन पाकिस्तान की अनुपस्थिति भारत के खिताबी रास्ते को थोड़ा आसान बना सकती है.
नजरें सरकार के रुख पर
अंततः सबकी नजर भारत सरकार के फैसले पर टिकी है. क्या सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देकर पाकिस्तान को रोक देगी, या खेल को राजनीति से अलग मानते हुए उन्हें अनुमति देगी? ये आने वाले हफ्तों में स्पष्ट होगा.
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