घरों में गीता और रामायण का होता है पाठ, लेकिन महाभारत का क्यों नहीं, जानें इसके पीछे का कारण

    अपने घरों में हम लोग बचपन से ही महाभारत, रामायण और गीता की कहानियों के बारे में सिनते हुए आ रहे हैं. अकसर हम लोगों ने घरों में रामायण का पाठ होते देखा है. गीता का भी पाठ घर में किया जाता है

    घरों में गीता और रामायण का होता है पाठ, लेकिन महाभारत का क्यों नहीं,  जानें इसके पीछे का कारण - फोटोः सोशल मीडिया
    Mahabharat: [Photo: Social Media]

    अपने घरों में हम लोग बचपन से ही महाभारत, रामायण और गीता की कहानियों के बारे में सिनते हुए आ रहे हैं. अकसर हम लोगों ने घरों में रामायण का पाठ होते देखा है. गीता का भी पाठ घर में किया जाता है. लेकिन घरों में महाभारत नहीं रखा जाता और ना ही इसका पाठ भी नहीं किया जाता है. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या है कारण?

    महाभारत को वेद व्यास जी ने रचा था. इसकी गिनती सबसे बड़े महाकव्यों में की जाती है. महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया सबसे भीषण युद्ध था. महाभारत युद्ध के दौरान ही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए वह गीता कहलाई. कई लोग घर पर गीता तो रखते हैं, लेकिन महाभारत नहीं.

    क्या है कारण

    महाभारत को लेकर धारणाएं हैं. जिसमें यह कहा जाता है कि महाभारत को घर में रखने से पारिवारिक कलह काफी बढ़ता है. परिवार में भी उसी तरह की स्थिति उत्पन्न होती है. जैसे युद्ध क्षेत्र में हो. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि घर में महाभारत को नहीं रखना चाहिए.

    इन्हें भी नहीं माना जाता शुभ

    दरअसल परिवार में कलह होने के बाद महाभारत युद्ध हुआ था. इसलिए कुछ लोग पुस्तक के साथ-साथ इससे जुड़ी तस्वीरों जिनमें युद्ध के प्रतीक, रथ आदि को भी अपने घरों में रखना नहीं पसंद करते है. ऐसी मान्यताएं हैं. इन्हें रखने से घर में कलह बढ़ सकती है.

    ज्ञान की होती है प्राप्ति

    आपको बता दें कि महाभारत पढ़ने से ज्ञान की प्राप्ति मिलती है. ऐसा इसले क्योंकी युद्ध से भी काफी कुछ सीखने मिलता है. इस ग्रंथ में रणनीति, राजनीति, समाज, आचरण और नैतिक शिक्षा मिलती है.

    मंदिर में कर सकते हैं पाठ

    अगर आप घर में महाभारत नहीं पढ़ पा रहे हैं. आप इसे अपने नजदीकी मंदीर में जाकर पढ़ सकते हैं.  ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत का पाठ पूरा न करके एक पृष्ठ छोड़ देना चाहिए.

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