युद्ध के बीच ईरान ने लिया बड़ा फैसला, Whatsapp पर लगाया बैन; जानें क्या है कारण?

    ईरान में डिजिटल आज़ादी एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस बार निशाने पर है दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप – WhatsApp. हाल ही में ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल पर एक हैरान करने वाली अपील की गई.

    Whatsapp Ban in Iran amid war tensions with israel
    Image Source: Social Media

    ईरान में डिजिटल आज़ादी एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस बार निशाने पर है दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप – WhatsApp. हाल ही में ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल पर एक हैरान करने वाली अपील की गई, जिसमें नागरिकों से कहा गया कि वे अपने मोबाइल फोन से WhatsApp को तुरंत हटा दें. दावा किया गया कि यह ऐप चुपचाप यूजर्स का डेटा इकट्ठा कर इज़राइल को भेज रहा है. हालांकि इस बयान के पीछे कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किया गया, फिर भी यह मामला ईरान की साइबर पॉलिसी के लिहाज से अहम बनता जा रहा है.

    WhatsApp पर जासूसी के आरोप  कितनी है सच्चाई?

    ईरान सरकार का यह दावा हैरान जरूर करता है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है. देश में पहले भी इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बार-बार प्रतिबंध लगाए जाते रहे हैं. WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta ने इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि “हम यूजर्स की प्राइवेसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. WhatsApp के जरिए कोई भी बातचीत एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती है, जिसे हम खुद भी एक्सेस नहीं कर सकते.” यानी WhatsApp यह दावा करता है कि किसी तीसरे पक्ष – चाहे वह सरकार हो या कंपनी – के लिए चैट पढ़ना असंभव है.

    पहले भी लगाया गया है प्रतिबंध

    यह पहली बार नहीं है जब WhatsApp ईरान सरकार के निशाने पर आया हो. 2022 में, महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए जनविरोध को दबाने के लिए सरकार ने WhatsApp और Google Play Store को ब्लॉक कर दिया था. हालांकि कुछ महीनों बाद यह बैन हटा लिया गया था, लेकिन यह दिखाता है कि ईरान में सरकार डिजिटल माध्यमों को कितना नियंत्रित करना चाहती है.
     

    ईरान में WhatsApp की अहमियत

    ईरान में WhatsApp सिर्फ एक मैसेजिंग ऐप नहीं है, यह. बिजनेस कम्युनिकेशन, पारिवारिक और अंतरराष्ट्रीय संपर्क, और डेली कम्युनिकेशन का प्रमुख जरिया है. Instagram और Telegram के साथ-साथ WhatsApp ईरान के सबसे लोकप्रिय सोशल प्लेटफॉर्म्स में से एक है. ऐसे में इसे हटाने की अपील लोगों की डिजिटल दिनचर्या पर सीधा असर डाल सकती है.

    बैन के बावजूद लोग ढूंढ लेते हैं रास्ता

    ईरान में Facebook, Twitter, और कई समाचार वेबसाइट्स पहले से ही प्रतिबंधित हैं. लेकिन लोग VPNs और प्रॉक्सी सर्वर की मदद से इनका इस्तेमाल जारी रखते हैं. इसका मतलब यह है कि अगर WhatsApp पर आधिकारिक तौर पर बैन भी लग जाता है, तो भी इसका प्रयोग पूरी तरह से बंद नहीं होगा—बस थोड़ा मुश्किल जरूर हो जाएगा.

    क्या WhatsApp पर बैन तय है?

    फिलहाल, ईरानी सरकार ने कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन सरकारी चैनलों पर इस तरह की अपीलें इस ओर संकेत करती हैं कि जल्द ही कोई कठोर फैसला लिया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो WhatsApp के लाखों ईरानी यूजर्स को ना सिर्फ संचार में रुकावट झेलनी पड़ेगी, बल्कि उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन पर भी व्यापक असर पड़ेगा.

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