Vice President CP Radhakrishnan: भारत ने अपने नए उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन का स्वागत किया है. एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह महत्वपूर्ण पद हासिल किया. यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा की मजबूती का प्रतीक भी है. इस लेख में हम उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका, वेतन, सुविधाओं और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
उपराष्ट्रपति का वेतन और सुविधाएं
उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन को नियमित वेतन नहीं मिलता, बल्कि यह राशि उन्हें राज्यसभा के सभापति के रूप में दी जाती है. राज्यसभा के सभापति को प्रति माह 4 लाख रुपये का वेतन मिलता है, और यही राशि राधाकृष्णन को प्राप्त होगी. इसके अतिरिक्त, उन्हें एक शानदार सरकारी बंगला और बुलेटप्रूफ गाड़ी प्रदान की जाएगी. सुरक्षा के लिए उन्हें जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी. साथ ही, वे देश-विदेश की यात्राओं को सरकारी खर्च पर कर सकेंगे और चिकित्सा सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे. दैनिक भत्ते के रूप में भी उन्हें अतिरिक्त सहायता मिलेगी.
पद छोड़ने के बाद पेंशन और सुविधाएं
उपराष्ट्रपति के पद से हटने के बाद भी राधाकृष्णन को आर्थिक और अन्य सुविधाएं मिलती रहेंगी. यह पेंशन उन्हें राज्यसभा के पूर्व सभापति के रूप में प्रदान की जाएगी, जो उनकी सैलरी का लगभग आधा हिस्सा, यानी करीब 2 लाख रुपये मासिक होगी. इसके साथ ही, उन्हें मेडिकल सुविधाओं सहित कई अन्य सरकारी लाभ भी मिलते रहेंगे. यह व्यवस्था पूर्व उपराष्ट्रपतियों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए की गई है.
राधाकृष्णन की जीत और उनका संदेश
9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में सी.पी. राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर शानदार जीत दर्ज की, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. जीत के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में राधाकृष्णन ने इसे राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया. उन्होंने कहा, “विपक्ष ने इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई बताया था, लेकिन मतदान के परिणामों से स्पष्ट है कि राष्ट्रवादी विचारधारा ने जीत हासिल की है.” उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया.
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