उत्तर प्रदेश में रोडवेज के 1165 मृतक आश्रितों ने यह दोहरी पीड़ा सालों तक झेली है. लेकिन अब, योगी आदित्यनाथ सरकार के एक फैसले ने इन परिवारों को रोशनी की एक किरण दिखाई है. यूपी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) में मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
20 साल से लगी थी रोक
वर्ष 2003 में प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. इसके चलते रोडवेज में भी कई वर्षों से भर्तियाँ ठप थीं. इन वर्षों में न जाने कितने परिवारों ने सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए, गुहार लगाई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. हाल ही में जब मृतक आश्रितों ने परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया.
धरने के बाद रोडवेज प्रशासन हरकत में आया. जीएम (कार्मिक) अशोक कुमार ने रिपोर्ट तलब की और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इन भर्तियों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया. इसके बाद खाली पदों की सूची बनाकर प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा गया. वहीं अब कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही 1165 पात्र मृतक आश्रितों के लिए नौकरी का रास्ता साफ हो गया है.
एक फैसला, दो फायदे
योगी सरकार के इस फैसले से आश्रित परिवारों को तो आर्थिक राहत मिलेगी ही साथ ही साथ ये फैसला रोडवेज विभाग के लिए बेहतर साबित होगा. आपको बता दें कि वर्षों से स्टाफ की कमी थी. अब नए कर्मचारी जुड़ने से सेवाओं में सुधार होगा और काम की गति भी बढ़ेगी.
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