UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर राज्य के अन्नदाता किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है. जल संरक्षण और सिंचाई को सुलभ बनाने की दिशा में उठाया गया यह कदम "खेत तालाब योजना" किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना का मकसद है – हर खेत तक पानी पहुंचाना और बारिश के पानी का बेहतर प्रबंधन करना.
योजना का उद्देश्य – सिंचाई आसान, लागत कम
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हर साल सूखा, बेमौसम बारिश या पानी की कमी से किसानों को भारी नुकसान होता है. खेत तालाब योजना का मकसद है कि किसान अपने खेत में ही तालाब बनवाकर जल का संचयन करें, जिससे सिंचाई के लिए हमेशा पानी उपलब्ध रहे और खेती की लागत भी घटे. यह पहल जल संरक्षण को भी बढ़ावा देती है और किसानों की आय को स्थिर बनाने में मददगार है.
कितना मिलेगा अनुदान और कैसे करें आवेदन
खेत तालाब योजना के अंतर्गत सरकार एक तालाब पर ₹1,05,000 की अनुमानित लागत में से आधा यानी ₹52,500 की सब्सिडी देती है. शेष राशि किसान को स्वयं वहन करनी होगी.
आवेदन के लिए किसान को ₹1000 टोकन मनी जमा करनी होगी.
आवेदन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे.
किसान https://agridarshan.up.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
योजना की शुरुआत 3 जून 2025 से हो चुकी है.
सीधे खाते में पहुंचेगा पैसा
योजना के तहत अनुदान की राशि दो किस्तों में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. मगर इस लाभ का लाभ उठाने के लिए किसान के पास पहले से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप या स्प्रिंकलर) लगी होनी चाहिए या फिर इसका त्रिपक्षीय अनुबंध योजना के साथ जमा करना होगा.
पंपसेट पर भी अलग अनुदान
तालाब बनवाने वाले किसानों को सिंचाई के लिए पंपसेट खरीदने पर भी 50% या अधिकतम ₹15,000 तक का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए अलग से पोर्टल खोला जाएगा और वही किसान इसका लाभ ले सकेंगे, जिन्होंने पहले से ड्रिप सिंचाई प्रणाली और खेत तालाब का निर्माण पूरा कर लिया हो.
कहां से लें जानकारी?
किसान अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय से योजना से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है, जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न रहे.
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