Kabul Afghanistan: अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा कि अफगानिस्तान में 12.3 मिलियन बच्चों सहित कम से कम 23.7 मिलियन लोगों को 2024 में मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
यूनिसेफ के अनुसार, अफगानिस्तान में बच्चों के लिए आवश्यक 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता का केवल 35 प्रतिशत ही सुरक्षित किया जा सका है. यूनिसेफ ने मार्च में देश में मानवीय स्थिति पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट जारी की.
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खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में गरीबी में वृद्धि के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक मंदी और बढ़ती बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 की शुरुआत से अब तक अफगानिस्तान में खसरे से 14,570 संदिग्ध मामले और 71 मौतें दर्ज की गई हैं.
यूनिसेफ के अनुसार, इन रोगियों में से 11,000 से अधिक पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं और 6,000 से अधिक खसरे के रोगी महिलाएँ हैं. यूनिसेफ ने अपने मानवीय साझेदारों से अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 'सेव द चिल्ड्रन' ने अफगानिस्तान में बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने वाले 2,50,000 अफगान बच्चों को भोजन और आश्रय की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
खामा प्रेस के अनुसार, 27 अप्रैल को विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि वह वहां हर महीने छह मिलियन लोगों को भोजन और नकदी वितरित कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग 15.8 मिलियन लोग खाद्य असुरक्षा संकट और आपातकालीन स्तर का अनुभव करेंगे.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बजट मांगा है.
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