नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नक्सलवाद से निपटने में सफलता के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की, जिसमें जनवरी से अब तक 194 नक्सलियों के खात्मे, 801 की गिरफ्तारी और 742 के आत्मसमर्पण का हवाला दिया गया.
विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए, शाह ने नक्सली युवाओं से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में लगभग 13,000 लोगों ने ऐसा किया है.
लगभग 13000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आ गए हैं
गृह मंत्री ने कहा, "मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, डीजीपी और पूरी टीम को बधाई देता हूं. जनवरी से अब तक 194 नक्सली मारे गए हैं, 801 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 742 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. मैं नक्सलवाद से जुड़े सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वे नक्सलवाद छोड़ दें. चाहे पूर्वोत्तर हो या जम्मू-कश्मीर, लगभग 13000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आ गए हैं."
शाह ने प्रगति का श्रेय सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना को दिया, जिसमें 2004-2014 के बीच फंडिंग में 1180 करोड़ रुपये से तीन गुना वृद्धि हुई और 2014-2024 तक 3,006 करोड़ रुपये हो गई. विशेष केंद्रीय सहायता योजना ने भी पिछले दशक में 3590 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
नक्सली क्षेत्रों में विकास कार्य पर 3590 करोड़ रुपये खर्च
उन्होंने कहा, "सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत, 2004-2014 तक इस योजना पर 1180 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि 2014-2024 तक हमने 3,006 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जो लगभग तीन गुना है. एसआरई मुख्य योजना है जो इसमें योगदान देती है. विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य पर पिछले दस वर्षों में 3590 करोड़ रुपये खर्च किये हैं."
उन्होंने कहा, "2019 से पहले, सैनिकों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे, लेकिन आज सैनिकों की मदद के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के छह और वायु सेना के छह सहित संख्या बढ़कर 12 हो गई है. जब मैं जनवरी में छत्तीसगढ़ गया था तो हमने वहां के विकास और नक्सलवाद उन्मूलन के लिए योजनाबद्ध विस्तार किया था.
पिछले 10 वर्षों में 544 गढ़वाले पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में 544 गढ़वाले पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में 544 सुदृढ़ पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं. पहले सड़क नेटवर्क 2900 किमी था, पिछले 10 वर्षों में सड़क नेटवर्क 11,500 किमी तक बढ़ गया है. पिछले 10 वर्षों में 15,300 मोबाइल टावर लगाए गए हैं और उनमें से 5139 टावरों को 4जी कनेक्शन दिए गए हैं. 2014 से पहले, 38 एकलव्य मॉडल स्कूलों को मंजूरी दी गई थी, लेकिन उनमें से कोई भी नहीं बनाया गया था, अब 216 स्कूलों को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 165 का निर्माण किया गया है."
मोदी सरकार द्वारा बेहतर केंद्र-राज्य समन्वय से नक्सलवाद को देश से पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक से लाइव…
— Amit Shah (@AmitShah) October 7, 2024
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शाह ने कहा, "पहले हवाई प्रयासों पर कुछ भी खर्च नहीं किया जाता था, लेकिन अब हवाई प्रयासों को खरीदने के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं. जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए 131 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं."
हिंसा की घटनाएं 16,463 से घटकर 7700 हो गई हैं
शाह ने पूरे भारत में हिंसा और आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में उल्लेखनीय कमी पर भी जोर दिया. शाह ने कहा, "हिंसा की घटनाएं 16,463 से घटकर 7700 हो गई हैं और अगले साल तक यह संख्या और कम हो जाएगी. नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है. हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 हो गई है. यह संख्या हिंसा की रिपोर्ट करने वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या 465 से घटकर 171 हो गई है, जिनमें से 50 पुलिस स्टेशन नए हैं यानी केवल 120 पुलिस स्टेशन हिंसा की रिपोर्ट कर रहे हैं, यह केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है."
केंद्रीय मंत्री ने राज्य में महत्वपूर्ण प्रगति का हवाला देते हुए नक्सलवाद से निपटने में सफलता के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की.
छत्तीसगढ़ में मिली सफलता हम सभी के लिए प्रेरणा है
उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में मिली सफलता हम सभी के लिए प्रेरणा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक नया विकास अभियान शुरू किया है. इसका उद्देश्य राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना है. परिणामस्वरूप, गांवों में स्कूल और सस्ते अनाज की दुकानें खुल गई हैं."
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में मिली सफलता सभी के लिए प्रेरणा है, ग्रामीणों ने तीस साल बाद लोकसभा चुनाव में मतदान किया है.
2019 के बाद से 280 नए शिविर बनाए गए हैं
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "कुछ ग्रामीणों ने तीस साल बाद लोकसभा चुनाव में मतदान किया. 2019 के बाद से 280 नए शिविर बनाए गए हैं, 15 नए संयुक्त बल बनाए गए हैं, सीआरपीएफ की छह नई बटालियन भेजी गई हैं जो विभिन्न राज्यों में पुलिस की मदद कर रही हैं."
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