अमेरिका-रूस नहीं बल्कि इस देश ने बनाया था दुनिया का पहला लड़ाकू विमान, जानें इसकी ताकत और खासियत

    जब भी आधुनिक युद्धक विमानों की बात होती है, तो अमेरिका के F-22 रैप्टर या रूस के SU-57 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स का जिक्र होता है.

    This country built the world first fighter aircraft
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    नई दिल्ली: जब भी आधुनिक युद्धक विमानों की बात होती है, तो अमेरिका के F-22 रैप्टर या रूस के SU-57 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स का जिक्र होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला जेट-संचालित लड़ाकू विमान न तो अमेरिका ने बनाया और न ही रूस ने, बल्कि इसका श्रेय नाजी जर्मनी को जाता है.

    द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब दुनिया पिस्टन-इंजन वाले विमानों पर निर्भर थी, तब जर्मनी ने एक ऐसे फाइटर जेट को विकसित किया जो उस समय विज्ञान-कथा जैसी लगती थी — मेसर्सचमिट Me 262.

    Me 262: युद्ध के आकाश में पहली जेट

    1944 में जर्मनी ने Me 262 को पहली बार ऑपरेशनल रूप से इस्तेमाल किया. यह केवल एक विमान नहीं था, बल्कि हवाई युद्ध के युग में एक क्रांतिकारी छलांग थी. यह दुनिया का पहला जेट-इंजन संचालित फाइटर था, जिसने पारंपरिक विमानों की सीमाओं को पीछे छोड़ते हुए हवाई युद्ध के तरीके ही बदल दिए.

    गति और ताकत का बेजोड़ मेल

    Me 262 की सबसे बड़ी खासियत थी इसकी तेज रफ्तार. यह लगभग 870 किलोमीटर प्रति घंटा (540 मील प्रति घंटा) की रफ्तार से उड़ान भर सकता था, जो उस दौर के अमेरिकी P-51 मस्टैंग जैसे लड़ाकू विमानों से करीब 160 किमी/घंटा तेज थी. इसकी ऊंचाई पकड़ने की दर (Rate of Climb) थी 3,900 फीट प्रति मिनट और यह 37,500 फीट तक उड़ान भर सकता था.

    इतनी गति और ऊंचाई के चलते जर्मन पायलट अक्सर मित्र देशों के बमवर्षक विमानों पर हमला कर, उनके एस्कॉर्ट फाइटर्स के प्रतिक्रिया देने से पहले ही निकल जाते थे.

    आर्मामेंट: मारक क्षमता ने कर दिया हैरान

    • Me 262 केवल तेज नहीं था, यह बेहद घातक भी था. इसमें लगे थे:
    • चार 30 मिमी MK 108 तोपें, जो दुश्मन विमानों को पलभर में ध्वस्त कर सकती थीं
    • 24 R4M रॉकेट्स, जिनका इस्तेमाल बमवर्षकों पर हमले के लिए किया जाता था

    तकनीक जिसने भविष्य का रास्ता खोला

    हालांकि इस विमान के विकास में कई तकनीकी दिक्कतें आईं, और इसकी तैनाती में देरी भी हुई, लेकिन इसने दुनिया को दिखा दिया कि जेट तकनीक क्या कर सकती है. आज के सुपरसोनिक, रडार-रोधी और डेटा-लिंक से लैस फाइटर जेट्स की नींव यहीं से रखी गई थी.

    इतिहासकार इसे केवल एक लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि आधुनिक हवाई युद्ध की शुरुआत मानते हैं.

    देर से आए, लेकिन युद्ध की दिशा मोड़ दी

    भले ही Me 262 ने युद्ध का पासा पूरी तरह न पलटा हो, लेकिन यह साफ कर दिया कि जेट तकनीक ही भविष्य है. इसके आने के बाद विश्व की सभी बड़ी सेनाएं अपने विमान बेड़े को जेट-इंजन से लैस करने में जुट गईं.

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