The JC Show: बजट 2024 का आधारशिला 2047 की, तो क्या सर कह सकते हैं कि opportunity lost for BJP?

    मोदी 3.0 का पहला बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया गया. सभी जानकार और अर्थशास्त्री की अलग-अलग प्रतिक्रिया आने के बाद 'भारत 24' के सीईओ और एडिटर एंड चीफ डॉ जगदीश चंद्र ने इसपर बात की और खुलकर सभी सवालों के जवाब दिए.

    The JC Show/Bharat 24

    नई दिल्ली: मोदी 3.0 का पहला बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया गया. सभी जानकार और अर्थशास्त्री की अलग-अलग प्रतिक्रिया आने के बाद 'भारत 24' के सीईओ और एडिटर एंड चीफ डॉ जगदीश चंद्र ने इसपर बात की और खुलकर सभी सवालों के जवाब दिए.

    सवाल- बजट 2024 का आधारशिला 2047 की, आखिर इस वाक्य के मायने क्या है?

    JC सर का जवाबः इसका अर्थ है कि यह बजट नरेंद्र मोदी के 2047 के विजन का एक प्रतिबिम्ब है. यह भारत के आने वाले कल की एक तस्वीर है. यह नरेंद्र मोदी एक अर्थशास्त्री के रुप में जो अवतार है उसका एक प्रयोग है. एक अर्थशास्त्री के रुप में उन्होंने जो देश की परिकल्पना की है, 2047 की परिकल्पना की है, अगले 20 वर्ष की परिकल्पना की है कि भारत में शिक्षा का क्या स्तर होगा, इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे होगा, अर्बन डेवलपमेंट कैसे होगा, कंसट्रक्शन कैसे होंगे, रेलवे कैसे होगी, आईटी कैसा होगा, किसान कैसा होगा, वुमन एम्पॉवरमेंट कैसा होगा, यूथ एम्पॉवरमेंट कैसा होगा, अर्थवयव्स्था से जितने जुड़े हुए क्षेत्र है उनमे भारत की लंबी सोच क्या है, नरेंद्र मोदी का विजन क्या है ये वहीं बजट है, इसीलिए कहा गया है कि बजट 2024 का आधारशिला 2047 की.

    सवाल: मेरा आकलन है कि समाज के एक बड़े वर्ग को इस बजट से निराशा हुई है, क्या आपको भी ऐसा लगता है?

    JC सर का जवाबः हां... You are right to some Extent. उत्साह नही है निराशा के बजाय ये कहना चाहिए और उसके भी कई कारण है. पहला कारण तो ये की बजट में जो ग्लैमर, जो थ्रिल, जो एक्साइटमेंट नरेंद्र मोदी के हाथ से होता है वो यहां नहीं है. हो भी नही सकता था वो निर्मला सितारमण के पीछे खड़े थे, आगे वो थीं. तो उनका जीतना एक्साइटमेंट, जीतना ग्लैमर है वो उसी सीमा तक सीमित था. दुसरी बड़ी बात ये है कि ये सपनों का बजट नही है. ये यथार्थ में जीने वाला बजट है. सपने नही थे, चमत्कार नही था और तीसरी बात ये कि विपक्ष ने माहौल जरुर खराब किया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो ये एक साफ-सुथरा सच्चा बजट है. बजट बनाने के जो कायदे कानून है उसपर चलने वाला बजट है. इसमें राजनीति कम और अर्थशास्त्र ज्यादा है. बाकि निराश होने की कोई बात नही है. 

    सवाल: तो क्या सर कह सकते हैं कि opportunity lost for BJP?

    JC सर का जवाबः हां.. बीजेपी की जो टॉप लीडरशिप है वो खुद महसूस करती होगी कि जो opportunity हमने पुलवामा में ली थी, या आपदाओं को जीस तरह से नरेंद्र मोदी अवसर में बदल देते हैं माहौल बना देते हैं, तो इस बजट मे कुछ हो नही पाया और संभावना कम थी. Finance is such a dry subject इसमें कोई संभावना बने कोई आकर्षण पैदा हो इसकी संभावना वैसे भी कम रहती है. ये कहा जा सकता है कि जो टॉप लीड़शिप है उसके हाथ से ये बाजी निकली है और निकलने का अर्थ है कि यह साफ-सुथरा बजट था, बजट के रुप में आया और चला गया.

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