मक्का और मदीना अब सिर्फ इबादत के केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि तकनीकी प्रगति के भी अद्भुत उदाहरण बन चुके हैं. 4 जून 2025 से शुरू हो रही हज यात्रा में इस बार तकनीक का बेजोड़ उपयोग देखने को मिलेगा. सऊदी अरब सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए हज को पहले से ज़्यादा सहज, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
AI रोबोट करेगा गाइडेंस, कई भाषाओं में देगा जानकारी
इस साल हज यात्रियों के लिए मनारह-2 नामक एक विशेष AI रोबोट तैनात किया गया है. यह रोबोट उर्दू, अंग्रेजी और अरबी समेत कई भाषाओं में बात कर सकता है और हदीस व इस्लाम से जुड़ी जानकारी भी दे सकता है. यह रोबोट तीर्थयात्रियों को रास्ता बताने से लेकर धार्मिक प्रक्रिया में सहायता तक देगा.
सुरक्षा में भी हाईटेक तकनीक की एंट्री
भीड़ प्रबंधन और आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए AI सॉफ्टवेयर से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ड्रोन हज के दौरान किसी भी असामान्य गतिविधि या संभावित भगदड़ को पहले ही भांपकर प्रशासन को अलर्ट भेजेंगे.
बहुभाषी स्मार्ट स्क्रीन और रियल-टाइम अपडेट्स
हाजियों की सुविधा के लिए जगह-जगह स्मार्ट स्क्रीन लगाई जा रही हैं जो रियल-टाइम दिशा-निर्देश, धार्मिक जानकारी और जरूरी अपडेट्स दे रही हैं. इन स्क्रीन पर विभिन्न भाषाओं में जानकारी दी जा रही है ताकि अलग-अलग देशों से आए हाजी आसानी से समझ सकें.
हज 2025 में अब तक 10 लाख लोग पहुंचे
सऊदी हज मंत्री तौफीक अल रबिया ने जानकारी दी कि इस बार अब तक दुनियाभर से करीब 10 लाख हाजी मक्का पहुंच चुके हैं. पिछले साल यह संख्या करीब 18 लाख रही थी. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जिसे हर सक्षम मुस्लिम को जीवन में एक बार करना जरूरी माना गया है.
ये भी पढ़ेंः नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, यूके कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका; जल्द हो सकती है वापसी