सुप्रीम कोर्ट ने SBI को जारी किया नोटिस, पूछा- 18 मार्च तक दिए डेटा में इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के नंबर क्यों नहीं

    सुप्रीम कोर्ट ने SBI को जारी किया नोटिस, पूछा- 18 मार्च तक दिए डेटा में इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के नंबर क्यों नहीं

    शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित मामलों में SBI को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है. इस संबंध में कोर्ट का कहना है कि कॉन्स्टि्यूशन बेंच के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि चुनावी बॉन्ड की पूरी डीटेल, खरीदी की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी समेत दी जाए. आपको बता दें कि SBI द्वारा जारी कई गई रिपोर्ट में बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबर्स का खुलासा नहीं किया है. वहीं अब कोर्ट ने बैंक से 18 मार्च तक इस मामले में जवाब मांगा है.

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    11 मार्च को हुई थी सुनवाई

    इससे पूर्व इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित जानकारी देने को लेकर 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा बैंक को 12 मार्च तक पूरी जानकारी पेश करने का आदेश दिया गया था. इसी के साथ इलेक्शन कमीशन को सारी जानकारी एकत्र कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करने के आदेश जारी किए थे.

    राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने दिया बयान

    राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को इस मामले पर कहा कि अदालत को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल SIT का गठन करना चाहिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दे की जांच किसी भी जांच एजेंसी द्वारा नहीं की जाएगी.

    ईडी और सीबीआई पर साधा निशाना

    उन्होंने ईडी और सीबीआई पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निशाना साधते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई अभी सो रहे हैं. यदि यह बात विपक्ष के खिलाफ होती तो यह कार्रवाई करते. सांसद ने कहा कि ईडी और सीबीआई ने नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया है.

    ‘न खाउंगा, न खाने दूंगा’

    बता दें कि पीएम मोदी के बयान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने जिक्र करते हुए कहा कि आपको याद है कि पीएम मोदी ने कहा था कि ' न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ उसका क्या हुआ? किसी ने (पीएम मोदी) कहा था कि वे स्विस बैंक से काला धन लाएंगे और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया है। अपनी बात रखते हुए सांसद आगे बोले कि मेरी राय में, इसकी जांच किसी भी जांच एजेंसी द्वारा नहीं की जाएगी. हालांकि अब यह जिम्मेदारी अदालत पर है कि वह क्या करेगी और क्या कार्रवाई करेगी.

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