

Credit : Social Media


पेशे से पत्रकार निलोफर हमीदी और इलाहे मोहम्मदी ने वर्ष 2022 में महिला समाजसेवी महसा अमीनी केस में रिपोर्टिंग की थी.


हेडस्कार्फ के विरोध में हजारों की संख्या में महिलाएं सड़कों पर आई थीं. उस दौरान महिला पत्रकारों ने निडर होकर उस समय की घटनाओं की रिपोर्टिंग की थी.


प्रदर्शन के दौरान ईरान की सरकार ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था.


दोनों पत्रकारों को 2022 महसा अमीन केस में जमानत मिल चुकी है.


ईरानी एजेंसियों ने निलोफर हमीदी और इलाहे मोहम्मदी की पत्रकारिता से नाराज होकर मुकदमा दर्ज कर लिया है.


एविन जेल में एक साल रहने के बाद दोनों रिहा तो हो गईं, लेकिन दोनों पर एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

