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आपने ज्वालामुखी देखा नहीं तो नहीं लेकिन इसके बारे में सुना जरुर होगा.


क्या आपको पता है कि कई बार ज्वालामुखी फटने के बाद इस क्षेत्र में ठंड बड़ जाती है.


दरअसल ज्वालामुखी एक पहाड़ होता है जिसके अंदर पिघला लावा भरा होता है.


वहीं पृथ्वी के नीचे दबी उच्च ऊर्जा यानि जियोथर्मल एनर्जी से पत्थरों को पिघलाने का काम करती है.


जब जमीन के नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है तो पहाड़ ऊपर से फट जाता है. जिसे हम ज्वालामुखी कहते हैं.


ज्वालामुखी फटने के बाद कई गैस निकलती है और इन्हीं गैसों से पत्थरों के मिश्रण को मैग्मा कहते हैं.


आसमान में ये बादल की तरह छा जाते हैं और उससे उस क्षेत्र में सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती.


यही कारण है कि ज्वालामुखी फटने के बाद बहुत अधिक बारिश होने लगती है और बिजली कड़कने की घटना भी सामने आती है.


ज्वालामुखी के फटने से उस क्षेत्र में बहुत दिनों तक बारिश और बिजली कड़कने की घटनाएं होती रहती हैं.

