फिर जागा किम जोंग का पुतिन प्रेम, यूक्रेन को कड़ा जवाब देने की तैयारी; क्या है प्लान?

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है. हाल के घटनाक्रमों से यह संघर्ष अब वैश्विक मोर्चे का रूप लेता जा रहा है. इसी क्रम में उत्तर कोरिया एक बार फिर खुलकर रूस के समर्थन में सामने आया है.

    South Korea Kim Jon Un Supports Putin over russia ukraine war
    फिर जागा किम जोंग का पुतिन प्रेम

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है. हाल के घटनाक्रमों से यह संघर्ष अब वैश्विक मोर्चे का रूप लेता जा रहा है. इसी क्रम में उत्तर कोरिया एक बार फिर खुलकर रूस के समर्थन में सामने आया है. यूक्रेनी सीमा पर बढ़ते हमलों और रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच उत्तर कोरिया ने न केवल हथियारों से भरे कंटेनर भेजे हैं, बल्कि अपने सैकड़ों सैनिकों को भी युद्ध में झोंक दिया है.

    रूस के लिए उत्तर कोरिया का बेझिझक समर्थन

    कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने हाल ही में रूस के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी सर्गेई शोइगू से मुलाकात की. इस दौरान किम ने स्पष्ट किया कि प्योंगयांग, रूस की विदेश नीति और यूक्रेनी मुद्दे पर उसकी स्थिति का बिना किसी शर्त समर्थन करता है. किम जोंग ने कहा, "रूस न्याय के पवित्र युद्ध में अंततः जीत हासिल करेगा." यह बयान उस समय आया जब रूस को यूक्रेनी ड्रोन हमलों के कारण कई मोर्चों पर झटका लगा है.

    सैन्य साझेदारी और रक्षा समझौता

    पिछले वर्ष, व्लादिमीर पुतिन की दुर्लभ उत्तर कोरिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक व्यापक सैन्य समझौता हुआ था. इस समझौते में पारस्परिक रक्षा प्रावधान शामिल किए गए, जिसके तहत उत्तर कोरिया रूस की सैन्य जरूरतों में प्रत्यक्ष भागीदारी कर सकता है. इसके बाद से, कुर्स्क सीमा क्षेत्र में यूक्रेनी हमलों का मुकाबला करने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की पुष्टि हो चुकी है.

    सैनिकों की तैनाती और हताहत

    दक्षिण कोरिया के सांसद ली सियोंग-क्वेन ने खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि यूक्रेन के खिलाफ लड़ते हुए कम से कम 600 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं, जबकि हजारों घायल हुए हैं. यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उसने रूस की सैन्य मदद के लिए सैनिक भेजे हैं. अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट में उत्तर कोरियाई सरकार ने युद्ध में अपने सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि भी की थी.

    बदले समीकरण, बढ़ती चिंताएं

    जहां एक ओर NATO देश रूस के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने की रणनीति बना रहे हैं, वहीं उत्तर कोरिया की यह भागीदारी युद्ध को और जटिल बना रही है. एक परमाणु शक्ति द्वारा दूसरे की खुली सैन्य मदद अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नई चुनौती बनकर उभर रही है.

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