इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सैम पित्रोदा का इस्तीफा, भारतीयों पर 'नस्लवादी' टिप्पणी के बाद बढ़ा था दबाव

    सैन पित्रोदा (Sam Pitroda) द्वारा एक इंटरव्यू में भारतीय नागरिकों पर दिया गया नस्लवादी टिप्पणी काफी तूल पकड़ लिया. अब उनको इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (INDIAN OVERSEAS CONGRESS) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ गया. पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने इसकी जानकारी दी.

    Sam Pitroda resigns
    Sam Pitroda resigns

    Sam Pitroda Resigns

    नई दिल्ली:
    भारतीय नागरिकों को लेकर नस्लवादी विवादित टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे सैम पित्रोदा  (Sam Pitroda) ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (INDIAN OVERSEAS CONGRESS) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस (Congress) पार्टी ने उनका ये इस्तीफा स्वीकार्य कर लिया है. 

    कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ श्री सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है. ‘

    श्री सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।

    Mr. Sam Pitroda has decided to step down as Chairman of the Indian Overseas Congress of his own accord. The Congress…

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 8, 2024


    सैम पित्रोदा के इस बयान पर मच रहा बवाल 

    बता दें पित्रोदा ने 'द स्टेट्समैन' को दिए एक इंटरव्यू में भारत में लोकतंत्र पर विचार करते हुए कहा, "हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं. हम एक देश पर पकड़ बनाए रख सकते हैं. भारत की तरह विविधतापूर्ण, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं."

    उन्होंने आगे कहा कि, “भारत के लोग विभिन्न भाषाओं, धर्म, भोजन और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं. यह वह भारत है जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए जगह है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है."

    यह भी पढ़े: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला लिया वापस, अहम पद से हटाया

    विरासत संपत्ति के बयान पर भी हुआ था विवाद 

    इससे पहले, पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा के बारे में बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था. पित्रोदा ने कहा था, "अमेरिका में, विरासत कर है. यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. इसमें कहा गया है आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है."

    पित्रोदा ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "किसने कहा कि 55 प्रतिशत छीन लिया जाएगा? किसने कहा कि भारत में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए? भाजपा और मीडिया क्यों घबराए हुए हैं? मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के रूप में अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख किया था. मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर रहा हूं? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी. इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है.''

    यह भी पढ़ें- 'भारत में NE के लोग चीनी, South वाले अफ़्रीकी, पश्चिम के लोग अरबी दिखते हैं', पित्रोदा के विवादित बोल

    भारत