रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में एक नई और अहम घटना सामने आई है. यूक्रेनी वायुसेना ने दावा किया है कि उसने रूस के सबसे उन्नत और घातक लड़ाकू विमान Su-35 को मार गिराया है. यह घटना रूस के कुर्स्क इलाके में हुई, और इसकी जानकारी यूक्रेन की एयर फोर्स ने अपने टेलीग्राम चैनल पर साझा की है.
हालांकि अभी तक इस दावे की किसी स्वतंत्र स्रोत से पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन रूस की चुप्पी को ‘अघोषित स्वीकार्यता’ के तौर पर देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि यह घटना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर एक बड़ा झटका है.
Su-35: रूस की हवाई ताकत का प्रतीक
Su-35, रूस के सबसे घातक मल्टी-रोल फाइटर जेट्स में से एक है. इसे रूस की प्रसिद्ध सुखोई (Sukhoi) कंपनी ने विकसित किया है और यह Su-27 का उन्नत संस्करण है. यह विमान केवल दुश्मन के विमानों से लड़ने में ही नहीं, बल्कि जमीनी और समुद्री लक्ष्यों को भी ध्वस्त करने में सक्षम है. प्रमुख विशेषताएं एकल सीट और ट्विन इंजन डिज़ाइन. अधिकतम रफ्तार: लगभग 2,500 किमी/घंटा. रडार रेंज: 400 किमी तक दुश्मन को ट्रैक कर सकता है. हथियार प्रणाली: हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, लेज़र-गाइडेड बम, एंटी-शिप मिसाइलें आदि. डॉगफाइट एक्सपर्ट: उच्च गतिशीलता और तेज़ मोड़ लेने की क्षमता
वैश्विक स्तर पर Su-35 की भूमिका
Su-35 को अब तक सीरिया और यूक्रेन जैसे युद्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया गया है. यह रूस की वायुसेना की रणनीतिक रीढ़ माना जाता है. अमेरिका के F-15 और यूरोप के Eurofighter Typhoon को टक्कर देने के लिए इस विमान को तैयार किया गया था. रूस इसे एक एक्सपोर्ट मॉडल के तौर पर भी प्रमोट कर रहा है और इसे कई देशों को बेचने की योजना बना रहा था.
भारत को मिला था ऑफर
रूस ने भारत को भी Su-35 फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव दिया था. यहां तक कि रूस ने यह भी पेशकश की थी कि भारत चाहे तो इस फाइटर जेट का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में ही किया जा सकता है. हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई अंतिम निर्णय अभी तक सामने नहीं आया है.
क्या यूक्रेन का दावा रूस की छवि पर पड़ेगा असर?
अगर यूक्रेनी वायुसेना का Su-35 को मार गिराने का दावा सत्य साबित होता है, तो यह रूस की सैन्य क्षमताओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर सकता है. यह झटका न केवल रूस की सेना के मनोबल को प्रभावित करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार में भी रूस की पकड़ को कमजोर कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पुतिन की अंतरराष्ट्रीय रणनीति को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर जब वह Su-35 जैसे हाई-एंड प्लेटफॉर्म को वैश्विक स्तर पर बेचना चाहते हैं.
यह भी पढ़ें: कौन हैं मिगुएल उरीबे? चुनाव से पहले गोली मारकर की गई हत्या की कोशिश