रूस ने PM Modi को दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान, दोनों देशों के बीच संबंधों में योगदान को बताया खास

    पुतिन ने कहा, "यह हमारे देशों के बीच मित्रता और आपसी समझ को मजबूत करने में आपकी ओर से किए जा रहे ईमानदार योगदान के लिए रूस की ओर से ईमानदारी से आभार का प्रमाण है."

    रूस ने PM Modi को दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान, दोनों देशों के बीच संबंधों में योगदान को बताया खास
    9 जुलाई को मॉस्को में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय बैठक से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ | Photo- ANI

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को मॉस्को क्रेमलिन के सेंट कैथरीन हॉल में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल से सम्मानित किया गया.

    गौरतलब है कि यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी को वर्ष 2019 में दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे आज फिजिकल तौर से ग्रहण किया.

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस और भारत के बीच एक विशेष रणनीतिक साझेदारी और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में उनके विशिष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया.

    ईमानदार योगदान के लिए रूस की ओर से आभार जताने का प्रमाण : पुतिन

    राष्ट्रपति पुतिन ने पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, "यह हमारे देशों के बीच मित्रता और आपसी समझ को मजबूत करने में आपके द्वारा किए जा रहे ईमानदार योगदान के लिए रूस की ओर से ईमानदारी से आभार व्यक्त करने का प्रमाण है...आपने हमेशा हमारे देश के साथ व्यापक संपर्कों की वकालत की है. जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब आपने अपने राज्य को रूसी क्षेत्रों के साथ जोड़ने की पहल की थी."

    उन्होंने कहा, "प्रिय मित्र, मैं तहे दिल से आपको इस सर्वोच्च रूसी पुरस्कार के लिए बधाई देना चाहता हूं और आपके अच्छे स्वास्थ्य, सफलता और सभी को शुभकामनाएं देता हूं. भारत के मित्रवत लोगों के लिए मैं शांति और समृद्धि की कामना करता हूं."

    उन्होंने भारत-रूस संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं.

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    आपने वाकई दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया है : पुतिन

    पुतिन ने कहा, "आप 10 वर्षों से भारतीय सरकार के शीर्ष पद पर हैं. आपने वास्तव में रूसी-भारतीय संबंधों को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया है. आपके प्रत्यक्ष सपोर्ट से, रूस और भारत बड़े पैमाने पर व्यापार, आर्थिक...उच्च तकनीक और अंतरिक्ष अन्वेषण में परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा को लागू कर रहे हैं."

    उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में रूसी-भारतीय सहयोग के लिए एक लचीला ढांचा बनाने में आपका योगदान, जहां हमारे दोनों देश बहुध्रुवीय दुनिया के सिद्धांतों की रक्षा कर रहे हैं...स्थिरता, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं, और ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के भीतर मिलकर काम कर रहे हैं."

    इसकी शुरुआत 1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट ने सेंट एंड्रयू के सम्मान में की गई थी, जो यीशु के पहले प्रेषित और रूस के संरक्षक संत थे. यह केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता है.

    भारत में रूसी दूतावास ने 2019 में कहा था, "12 अप्रैल को, @narendramodi को रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी और रूसी और भारतीय लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं के लिए सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया गया. @mfa_russia @MEAIndia @IndEmbMoscow".

    सम्मान दिए जाने पर पुतिन ने मोदी के योगदान को बताया था उत्कृष्ट

    रूसी राष्ट्रपति ने तब पुरस्कार से सम्मानित होने पर पीएम मोदी की सराहना की थी और रूस के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को याद किया था. उन्होंने एक्स पर कहा था, "भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सेंट एंड्रयू सम्मान दिया जाता है."

    इस पर, पीएम मोदी ने जवाब दिया कि दोनों देशों के बीच दोस्ती की नींव गहरी है और साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल है. उन्होंने कहा, "इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों को धन्यवाद देता हूं. भारत-रूस मैत्री की नींव गहरी है और हमारी साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल है. हमारे देशों के बीच व्यापक सहयोग ने हमारे नागरिकों के लिए असाधारण परिणाम दिए हैं."

    व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी ने की द्विपक्षीय बैठक

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की आधिकारिक यात्रा पर हैं. उन्होंने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इससे पहले दिन में, उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मास्को में VDNKh प्रदर्शनी केंद्र में रोसाटॉम मंडप का दौरा किया. रोसाटॉम मंडप एक प्रदर्शनी और शैक्षिक परिसर है, जो परमाणु ऊर्जा को समर्पित रूस का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक प्रदर्शनी स्थल है.

    प्रधानमंत्री मोदी ने मास्को में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया. उन्होंने भारत और रूस के बीच संबंधों और उन्हें मजबूत बनाने में भारतीय प्रवासियों के योगदान के बारे में बात की. उन्होंने कज़ान और येकातेरिनबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की भी घोषणा की. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और रूस के बीच संबंध वैश्विक समृद्धि को नई ऊर्जा दे रहे हैं. उन्होंने भारत और रूस के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयां देने के लिए भारतीय समुदाय की भी प्रशंसा की.

    इससे पहले सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में एक अनौपचारिक बैठक की.

    10 सालों में मोदी और पुतिन की ये 16वीं मुलाकात

    सोमवार को पीएम मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मास्को पहुंचे. पीएम मोदी का हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने वानुकोवो-II हवाई अड्डे पर पीएम मोदी की अगवानी की.

    गौरतलब है कि पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी और पुतिन 16 बार मिल चुके हैं. दोनों नेताओं के बीच आखिरी आमने-सामने की मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान हुई थी.

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