राजस्थान के इन-इन जिलों में अगले 3 दिन बारिश होने की संभावना, पढ़िए मौसम विभाग का लेटेस्ट अपडेट

    राजस्थान की तपती गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. जून की शुरुआत में मौसम ने करवट ले ली है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य में आगामी दिनों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कई जिलों में आंधी और बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी.

    rain in many districts of Rajasthan for the next 3 days IMD alert
    Image Source: ANI

    Rajasthan Weather Update: राजस्थान की तपती गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. जून की शुरुआत में मौसम ने करवट ले ली है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य में आगामी दिनों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कई जिलों में आंधी और बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी. शनिवार को अलवर, भरतपुर और धौलपुर में आंधी व हल्की बारिश का दौर चला, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली.

    थम रहा गर्मी का प्रकोप 

    पिछले 24 घंटे में भरतपुर के कामां में सबसे ज्यादा 10 मिमी बारिश दर्ज की गई. वहीं, श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा है. चूरू और बीकानेर में न्यूनतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि नागौर में रात का तापमान 30.9 डिग्री पार कर गया. 

    जून की शुरुआत में राहत

    मौसम विभाग ने 2 जून से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना जताई है. इसके असर से 4 जून तक प्रदेश के कई जिलों में तेज मेघगर्जन, बारिश और 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने का अनुमान है. 1 जून को ही जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर और दौसा समेत 14 जिलों में हल्की बारिश और धूलभरी आंधी की संभावना जताई गई थी.

    अगले 3 दिन के लिए विस्तृत अलर्ट जारी

    2 जून: अजमेर, अलवर, कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, बीकानेर समेत 27 जिलों में मेघगर्जन, बारिश और आंधी की संभावना.

    3 जून: लगभग इन्हीं जिलों में फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी.

    4 जून: जोधपुर, पाली समेत कई नए जिलों में भी आंधी और बारिश का अलर्ट जोड़ा गया है.

    जनता को क्या बरतनी चाहिए सावधानी?

    मौसम विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहें, खुले में यात्रा या पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें. किसान भी अपनी फसलों को लेकर सतर्क रहें और बारिश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाएं.

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