अमेरिका एक बार फिर विरोध की आवाज़ों से गूंज उठा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक और आव्रजन नीतियों के खिलाफ हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए, और इस बार यह विरोध सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रहा. ‘50501 आंदोलन’ के तहत अमेरिका के सभी 50 राज्यों में एक साथ विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें "50 राज्यों, 50 प्रदर्शन, 1 आंदोलन" की भावना को प्रतीकात्मक रूप से सामने रखा गया.
व्हाइट हाउस और टेस्ला शोरूम का घेराव
प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन किया और ट्रम्प प्रशासन पर नागरिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया. इसके साथ ही टेस्ला के शोरूम्स भी निशाने पर रहे, जो अरबपति उद्योगपति एलन मस्क की नीतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
नौकरियों में कटौती और टैरिफ वॉर की वजह से बढ़ी नाराज़गी
इस विरोध की दो प्रमुख वजहें रहीं ट्रम्प द्वारा चलाई गई टैरिफ वॉर (आयात शुल्क युद्ध) और मस्क के Efficiency Department के अंतर्गत हो रही सरकारी विभागों में छंटनी. जहां एक तरफ टैरिफ नीति के चलते अन्य देशों से आयातित वस्तुएं महंगी हो गई हैं और महंगाई का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी नौकरियों में हो रही कटौती ने हजारों कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया है.
पॉलिसियों पर विरोध, लेकिन समर्थन भी बरकरार
हालांकि विरोध बढ़ रहा है, फिर भी ट्रम्प के प्रति जनता के समर्थन में खास गिरावट नहीं दिख रही है. गैलप के एक हालिया सर्वे के मुताबिक, अमेरिका में 45% वोटर्स ट्रम्प के कामकाज से संतुष्ट हैं.जो उनके पहले कार्यकाल की तुलना में थोड़ी बढ़त जरूर दिखाता है (पहले यह आंकड़ा 41% था). हालांकि, यदि ऐतिहासिक तुलना करें, तो 1952 से 2020 के बीच सभी राष्ट्रपतियों की औसत पहली तिमाही की अनुमोदन रेटिंग 60% रही है. इस लिहाज़ से ट्रम्प की मौजूदा रेटिंग अब भी औसत से नीचे है.
अगले चुनाव से पहले सड़कों पर बनती तस्वीर
जैसे-जैसे अमेरिका में चुनावी मौसम नज़दीक आ रहा है, राजनीतिक रणनीतियां और जन आक्रोश, दोनों साथ-साथ बढ़ते नज़र आ रहे हैं. ट्रम्प की वापसी की कोशिशों के बीच यह विरोध आंदोलन आने वाले समय में किस दिशा में जाएगा, यह देखना बाकी है.