प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : महाकुंभ 2025 के करीब आते ही अरैल के सेक्टर 25 में एक नया आलीशान कॉटेज कॉम्प्लेक्स (ठहरने के लिए स्टे होम) तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सनातन धर्म से जुड़ा एक अनूठा अनुभव देने का भोरसा देता है. यूपी पर्यटन की ओर से दिए गए भूमि पर यह विशाल 5 एकड़ की बसावट आध्यात्मिकता, परंपरा और आधुनिक विलासिता को जोड़ती है, जो मेला मैदान से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है.
विष्णु निवास, अर्जुन निवास, राम निवास और कृष्ण निवास नाम से 200 कॉटेज के साथ, यह सुविधा भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का जश्न मनाने के लिए बनाई गई है.
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तिरंगे की थीम पर डिजाइन परिसर छोड़ेगा दुनिया में छाप
देशभक्ति और सांस्कृतिक गौरव को दिखाने वाली तिरंगे की थीम के साथ डिज़ाइन इस परिसर का उद्देश्य सनातन धर्म की वैश्विक छाप बनाना है. कॉटेज में एक शांत वातावरण है, जिसमें एक दूसरे से जुड़े स्पीकर सिस्टम के जरिए मंत्रों का निरंतर जाप हो रहा है. आने वाले लोग प्याज और लहसुन से फ्री प्रामाणिक सात्विक भोजन का आनंद ले सकते हैं और बहती गंगा नदी के किनारे रोजाना की गंगा आरती में हिस्सा ले सकते हैं.
पेशेवर कलाकारों द्वारा शाम के भजन और ऋषिकेश की टीम द्वारा संचालित योग सत्र आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाते हैं. ऋषिकुल कुंभ कॉटेज के मालिक हिमांशु अग्रवाल ने कहा, "यह कॉटेज यूपी पर्यटन की ओर दी गई भूमि पर अरेल के सेक्टर 25 में स्थित हैं और मेला क्षेत्र से लगभग तीन किलोमीटर दूर हैं.
लगभग 5 एकड़ में फैले हमने लगभग 200 लग्जरी कॉटेज बनाए हैं, जिनकी 3 कैटेगरीज हैं: सेमी-डीलक्स, लग्जरी और डीलक्स. इसके अतिरिक्त, कुछ कॉटेज विशेष रूप से परिवारों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. हमने इन कॉटेज में सात्विक भोजन की व्यवस्था की है, जिसमें प्याज और लहसुन के बिना भोजन परोसा जाता है, ताकि आने वाले भक्त इस तरह के भोजन का आनंद ले सकें. हमने शाम को गंगा आरती समेत अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान की हैं. भक्ति गायन के लिए, हमने कई कलाकारों के साथ करार किया है".
किफायती कीमत पर मिलेगी आने वालों को लग्जरी सुविधा
उन्होंने आगे कहा, "हमारा उद्देश्य किफायती कीमतों पर लग्जरी (विलासिता) प्रदान करना है. गैर-पीक दिनों में, इन कॉटेज की रोजाना रहने की कीमत 10,000 रुपये निर्धारित की गई है. प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, हमने पीक दिनों के लिए तीन दिवसीय पैकेज की कीमत 50,000 रुपये (सभी भोजन सहित) निर्धारित की है. हमारे कॉटेज के ठीक पीछे गंगा नदी बहती है. हम गंगा आरती की सुविधा के लिए यहां एक घाट बनाने का प्रयास कर रहे हैं. पूरा परिसर स्पीकर के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जो सुबह से शाम तक मंत्रों और मंत्रों का प्रसारण करता है, जिससे आने वाले लोगों में सकारात्मकता बढ़ती है. दिन का समापन शाम को गंगा आरती के साथ होगा".
अग्रवाल ने कहा, "हमने यहां नियमित योग सत्र आयोजित करने के लिए ऋषिकेश से एक टीम बुलाई है. हमारे कॉटेज किफायती हैं, और हम सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमारे माननीय मुख्यमंत्री की पहल का पूरा समर्थन करते हैं. देशभक्ति और सनातन धर्म को ध्यान में रखते हुए, हमने कॉटेज को तिरंगे की थीम पर डिज़ाइन किया है ताकि इसका सार वैश्विक स्तर पर फैल सके."
यहां चल रहे काम में लोकल महिलाओं को रोजगार मिला
हिमांशु ने संपत्ति के निर्माण और संचालन में स्थानीय महिलाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता दी. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए, हमने इन कॉटेज के निर्माण में स्थानीय महिलाओं को शामिल किया है. मेरा प्राथमिक उद्देश्य हमारे शहर के लोगों के लिए यथासंभव अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है."
उन्होंने कहा, "हमारे कॉटेज में प्रतिदिन लगभग 600 लोग रह सकते हैं. हमने कॉटेज को सार्थक नाम दिए हैं. सेमी-डीलक्स कैटेगरी का नाम विष्णु निवास है, दूसरी श्रेणी का नाम अर्जुन निवास है और तीसरी श्रेणी का नाम राम निवास है. अंत में, प्रीमियम कॉटेज को कृष्ण निवास कहा जाता है."
प्रयागराज में हर 14 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम है, जिसमें दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं.
सनातन धर्म में निहित, यह आयोजन एक दिव्यता का प्रतीक है जो आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति के लिए एक शुभ समय होता है. तीर्थयात्री संगम पर आते हैं - गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम - पवित्र डुबकी लगाने के लिए जिसे पापों से मुक्ति और मोक्ष (मुक्ति) प्रदान करने वाला माना जाता है.
आगामी महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा.
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