वेटिकन सिटी से एक दुखद समाचार सामने आया है—88 वर्षीय पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. वह लंबे समय से निमोनिया और श्वसन संक्रमण से जूझ रहे थे, और उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. उनकी मृत्यु से दुनिया भर के 1.4 अरब कैथोलिक समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और अस्पताल में भर्ती
पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को श्वसन संक्रमण के कारण रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया और एनीमिया की पुष्टि हुई. उन्हें रक्त आधान भी किया गया था, और डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया था.
पोप फ्रांसिस का योगदान और विरासत
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना में हुआ था. उन्होंने 13 मार्च 2013 को पोप के रूप में पदभार संभाला और कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने. उनकी कार्यशैली और दृष्टिकोण ने चर्च में कई सुधार किए और उन्होंने सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, और आपसी भाईचारे पर जोर दिया.
Pope Francis died on Easter Monday, April 21, 2025, at the age of 88 at his residence in the Vatican's Casa Santa Marta. pic.twitter.com/jUIkbplVi2
— Vatican News (@VaticanNews) April 21, 2025
समाज और चर्च में प्रतिक्रिया
पोप के निधन की खबर सुनते ही दुनिया भर के चर्चों में प्रार्थनाएं आयोजित की गईं. अनेक देशों में उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वेटिकन के कैमरलेन्गो कार्डिनल केविन फेरेल ने पोप फ्रांसिस के निधन की आधिकारिक घोषणा की.
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