नई दिल्ली/शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला में कथित अवैध मस्जिद के निर्माण को रोकने को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच झड़प हुई है. पुलिस प्रदर्शन करने वालों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया है. वहीं हिमाचल प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य ने मामले को न्यायालय में विचाराधीन बताया है और तब तक किसी तरह के विरोध को गलत बताया है.
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Protestors clash with the security forces while on their way to the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/kBNcCDH9bW
— ANI (@ANI) September 11, 2024
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प्रदर्शनकारियों ने देवभूमि बचाने और भारत माता की जय के नारे लगाए
घटनास्थल से प्राप्त तस्वीरों में हाथों में तिरंगा लिए प्रदर्शनकारियों ने "हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है", "भारत माता की जय" जैसे नारे लगाए. संजौली मस्जिद के कथित अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Police lathi-charge the protestors in order to disburse them while they are on their way to the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/cnantdOklN
— ANI (@ANI) September 11, 2024
गौरतलब है कि यह कथित अवैध मस्जिद का निर्माण संजौली इलाके में हो रहा है जिसका एक पक्ष विरोध कर रहा है. विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें जो सामने आई हैं उसमें प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प देखी जा सकती है.
संजौली इलाके में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "स्थिति बिल्कुल साफ है. सभी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है और सरकार ने भी यही कहा है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए जिससे वहां की शांतिपूर्ण स्थिति प्रभावित हो. इसलिए पुलिस ने एहतियाती कदम उठाए हैं. वहां धारा 163 लगा दी गई है और इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि ऐसी कोई स्थिति न आए जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठें. जहां तक उस अवैध ढांचे के निर्माण का सवाल है, मामला न्यायालय में विचाराधीन है, सुनवाई के बाद सरकार फैसला लेगी. हमने साफतौर पर कहा है कि अगर यह अवैध पाया गया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी और इसे गिराया जाएगा. लेकिन यह ऐसा कदम है जो नगर आयुक्त का आदेश आने के बाद उठाया जाएगा, उससे पहले कार्रवाई करना ठीक नहीं होगा..."
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