नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अपने तीसरे कार्यकाल में अपनी पहली विदेश यात्रा पूरी करके शनिवार को नई दिल्ली लौट आए हैं.
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने 13-15 जुलाई को इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को 'आउटरीच देश' के रूप में आमंत्रित किया था.
पीएम मोदी ने यात्रा समाप्त करने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना बहुत ही काम का रहा. विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की. साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जो वैश्विक समुदाय को लाभ पहुंचाएं और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाएं"
उन्होंने कहा. "मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं."
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शिखर सम्मेलन में इन 7 देशों ने लिया हिस्सा
शिखर सम्मेलन में सात सदस्य देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ ने भी हिस्सा लिया.
जी7 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मामलों में अफ्रीका के महत्व पर जोर देते हुए ग्लोबल साउथ की भलाई की वकालत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने अफ्रीका के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्पण को रेखांकित किया, उस ऐतिहासिक क्षण का हवाला देते हुए जब भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का स्थायी सदस्य बने.
इन विषयों पर पीएम मोदी ने रखी अपनी बात
प्रधानमंत्री मोदी ने एआई और ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर जी7 आउटरीच सत्र को संबोधित किया, जिसमें मानव प्रगति में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जी7 आउटरीच सत्र में एआई और ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर बात की. विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से, मानव प्रगति के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक पैमाने पर उपयोग. मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं में प्रौद्योगिकी के उभार ने साइबर सुरक्षा के महत्व की भी पुष्टि की है. इस बारे में बात की कि भारत अपनी विकास यात्रा के लिए एआई का लाभ कैसे उठा रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि एआई पारदर्शी, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बना रहे."
मोदी ने साइबर सुरक्षा, 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान पर प्रकाश डाला
उन्होंने प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के मद्देनजर साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और पारदर्शिता, सुरक्षा, पहुंच और जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए विकास के लिए एआई का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला. ऊर्जा के मोर्चे पर, पीएम मोदी ने उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर केंद्रित भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया. उन्होंने समय से पहले पार्टियों के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी) की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और मिशन लाइफ के सिद्धांतों के आधार पर एक स्थायी, हरित युग की ओर संक्रमण के लिए भारत के प्रयासों पर जोर दिया. इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और धरती को भविष्य की पीढ़ियों के लिए अधिक रहने योग्य बनाने के उद्देश्य से "एक पेड़ मां के नाम" अभियान पर प्रकाश डाला.
पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, "जहां तक ऊर्जा का सवाल है, भारत का दृष्टिकोण उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है. हम निर्धारित समय अवधि से पहले अपनी CoP प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं. भारत मिशन LiFE के सिद्धांतों के आधार पर हरित युग की शुरुआत करने के लिए काम कर रहा है. साथ ही हमारे ग्रह को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए "एक पेड़ मा के नाम" अभियान पर भी प्रकाश डाला,"
जी7 में इन प्रतिनिधियों के साथ की द्विपक्षीय बैठकें
G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर, पीएम मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूके के पीएम ऋषि सुनक, जापानी पीएम फुमियो किशिदा, इतालवी पीएम जियोर्जिया मेलोनी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और पोप फ्रांसिस से भी बातचीत की.
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