श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) : नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. एल-जी मनोज सक्सेना ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में अब्दुल्ला और उनके मंत्रिपरिषद को पद की शपथ दिलाई.
जे-के के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रिपरिषद को पद की शपथ दिलाई.
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एलजी मनोज सिन्हा ने इन लोगों को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई
मेंढर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक जावेद अहमद राणा, रफियाबाद से जाविद अहमद डार, डीएच पोरा से सकीना इटू और सुरिंदर कुमार चौधरी को भी एलजी सिन्हा ने कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ दिलाई.
छंब विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट में जगह दी गई.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका भी इस दौरान मौजूद रहे
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं.
जेकेएनसी उपाध्यक्ष के समारोह में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता प्रकाश करात, एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, आप नेता संजय सिंह और सीपीआई नेता डी राजा समेत कई इंडिया ब्लॉक नेता मौजूद थे.
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती भी समारोह के दौरान मौजूद थीं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें जीतकर बनाई सरकार
कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में 48 सीटें हासिल कीं, जिसमें एनसी ने 42 और कांग्रेस ने केवल 6 सीटें जीतीं.
अनुच्छेद 370 के रद्द होने और पूर्व राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद यह जम्मू और कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार होगी.
उमर अब्दुल्ला के दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला भारत में विलय के बाद जेके के पहले प्रधानमंत्री थे और बाद में मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला तीन बार पूर्ववर्ती राज्य के सीएम रह चुके हैं. पूर्व सांसद उमर 2009-2015 के बीच पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने 2001 से 2002 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया था.
बीजेपी के समर्थन वापस लेने से गिर गई थी पीडीपी प्रमुख महबूबा की सरकार
भारतीय जनता पार्टी द्वारा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद 2018 से जम्मू और कश्मीर राष्ट्रपति शासन के अधीन था. हाल ही में, जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को हटा दिया गया, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया.
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