गाजीपुर : उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों के साथ-साथ उनकी पत्नियां भी पुलिस के रडार पर हैं. पिछले साल मारे गए अतीक अहमद और अशरफ अहमद व हाल ही में मारे गए यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नियां फरार चल रही हैं. इन पर भी विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है.
28 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जिला अस्पताल में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई थी. 30 मार्च शनिवार को उन्हें उनके गृह जिले गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के काली बाग में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था. इस दौरान जनाजे में उनकी पत्नी अफशां अंसारी शामिल नहीं हुईं. वह गैंगस्टर मामलों के तहत वांछित हैं और फरार चल रही हैं. मोहम्मदाबाद थाना के पुलिस अधिकारी ने भारत 24 लाइव से फोन पर बातचीत में ये जानकारी दी.
मोहम्मदाबाद थाना के पुलिस अधिकारी ने भारत 24 लाइव को बताया, "अफशां अंसारी गैंगस्टर मुकदमे के तहत वांछित हैं. पुलिस को उनकी तलाश है, लेकिन वह फरार चल रही हैं."
इसी तरह इलाहाबाद में सरेआम गोली से मारे गए माफिया अतीक अहमद की पत्नियां- शाइंस्ता परवीन और अशरफ़ अहमद की पत्नी ज़ैनब फ़ातिमा भी फरार चल रही हैं. पुलिस अभी तक उन्हें नहीं पकड़ नहीं पाई है.
यह भी पढे़ं : Delhi Excise Policy: नहीं थमी CM केजरीवाल की मुसिबत,15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे गए तिहाड़
अफशां पर दर्ज हैं 9 मामले और है 50 हजार का इनाम
गौरतलब है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक पांच बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी पर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतविधियां (रोकथाम) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है. अफशां पर कुल 9 मामले दर्ज हैं और उन पर 50 हजार रुपये का इनाम है. वह फरार चल रही हैं.
अफ़शां अंसारी पर 2021 में मऊ के दक्षिण टोला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. पिछले साल अप्रैल में, राज्य पुलिस ने केंद्र की एजेंसियों - सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को एक लेटर लिखकर अफशां के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी करने की अपील की थी, पुलिस ने अफशां के फरार होने का शक जाहिर किया था.
मुख्तार के बेटे को भी जनाजे में शामिल होने की नहीं मिली इजाजत
अफशा अंसारी ही नहीं, कासगंज जेल में बंद उनके बेटे अब्बास अंसारी भी मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सके. अब्बास ने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत देने के लिए शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन दिया था, लेकिन याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी.
हालांकि, बांदा के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पिता का शव उनकी मौजूदगी में परिवार को सौंपा गया था. लेकिन अंतिम संस्कार में उन्हें शामिल होने की छूट जेल से नहीं मिल पाई.
मुख्तार के परिवार ने प्रशासन पर लगाया था धीमा जहर देने का आरोप
वहीं इससे पहले बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब हो गई थी और पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया था और बाद में कहा था कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन परिवार ने इस दिन आरोप लगाया था कि प्रशासन मुख्तार की सेहत के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है. परिवार ने यह भी आरोप लगाया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है. वहीं बाद में फिर मुख्तार अंसारी तबीयत दोबारा खराब हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट अटैक से मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ और एम्बुलेंस उनके गृह जिले गाजीपुर लाया गया और मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया गया. इस दौरान उनके भाई समेत परिवार और अन्य लोग मौजूद थे, लेकिन उनकी पत्नी अशफां अंसारी नही मौजूद थीं.
यह भी पढ़े: TMC नेता के बिगड़े बोल, PM मोदी पर की विवादित टिप्पणी, बीजेपी ने किया पलटवार
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पत्नियां भी हैं फरार
गौरतलब है इससे पहले यूपी के इलाहाबाद के बाहुबली नेता अतीक अमहद, उनके भाई अशरफ अहमद को पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद रात में एक अस्पताल में ले जाते समय सरेआम गोली मार दी गई थी. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
इसके बाद इनके जनाजे में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा फरार हो गईं और जनाजे में शामिल होने नहीं आईं. यूपी पुलिस को उनकी अभी तक तलाश है. अतीक और अशरफ को पिछले साल अप्रैल में गोली मारी गई थी.
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा पर भी दर्ज हैं मामले
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ अहमद की पत्नी फातिमा जैनब पर भी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है. शाइस्ता परवीन पर जहां 50 हजार का इनाम हैं वहीं जैनब पर कोई इनाम नहीं रखा गया है.
24 फरवरी 2023 में धूमनगंज इलाके में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद धूमनगंज थाने की पुलिस इन दोनों की तलाश कर रही है. उमेश पाल 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या में मुख्य गवाह थे. आरोप था अतीक अहमद और अशरफ अहमद ने इनकी हत्या कराई थी.
इससे पहले मामले में शाइस्ता पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था, बाद में बढ़ाकर इसे पुलिस ने 50 हजार कर दिया है. पुलिस, प्रयागराज के चकिया इलाके में स्थित इनके घर को भी ध्वस्त कर चुकी है.
पुलिस ने अतीक के सहयोगी जफर अहमद के घर में शाइस्ता के छुपे होने के शक में उसका भी घर गिरा दिया था. इसके बाद अदालत से इजाजत लेकर बाद में जैनब फातिमा के घर को कुर्क कर दिया था.
पिछले साल प्रयागराज पुलिस ने शाइस्ता के खिलाफ और अतीक अहमद की बहन आएशा नूरी के खिलफा एक नया मामल दर्ज किया, यह मामला उनके पेश न होने पर आईपीसी एक्ट 2 के सेक्शन 82 के तहत दर्ज किया गया है.
यह भी पढे़ं : Lok Sabha Election 2024: राहुल गांधी के बयान पर कंगना रनौत का पलटवार, कहा- शायद उन्हें पता नहीं लोकतंत्र की परिभाषा