'कर्नाटक केरल के साथ खड़ा है'- CM सिद्धारमैया बोले, वायनाड में लैंडस्लाइड पीड़ितों के लिए बनाएंगे 100 घर

    एक्स पर एक पोस्ट में, सिद्धारमैया ने कहा, मैंने सीएम श्री @pinarayivijayan को समर्थन का आश्वासन दिया है. हम मिलकर फिर से लोगों को बसाने का काम करेंगे और उम्मीद लौटाएंगे.

    'कर्नाटक केरल के साथ खड़ा है'- CM सिद्धारमैया बोले, वायनाड में लैंडस्लाइड पीड़ितों के लिए बनाएंगे 100 घर
    सीएम सिद्धारमैया बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बात करने के दौरान, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार केरल में भूस्खलन प्रभावित वायनाड के पीड़ितों के लिए 100 घर बनाएगी.

    एक्स पर एक पोस्ट में, सिद्धारमैया ने कहा, "वायनाड में हुए दुखद भूस्खलन के मद्देनजर, कर्नाटक केरल के साथ एकजुटता में खड़ा है. मैंने सीएम श्री @pinarayivijayan को हमारे समर्थन का आश्वासन दिया है और घोषणा की है कि कर्नाटक, पीड़ितों के लिए 100 घर बनाएगा. हम मिलकर फिर से लोगों को बसाने का काम करेंगे और उम्मीद लौटाएंगे."

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    वायनाड में कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका

    इस बीच, केरल के वायनाड में खोज और बचाव अभियान शनिवार को लगातार 5वें दिन भी जारी है, क्योंकि कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है.

    केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में हुए भीषण भूस्खलन में मरने वालों की संख्या शुक्रवार तक 308 हो गई है.

    ताजा जानकारी के अनुसार, 215 शव और 143 शरीर के अंग बरामद किए गए हैं, जिनमें 98 पुरुष, 87 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं. 212 शवों और 140 शरीर के अंगों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और अब तक 148 शवों की पहचान रिश्तेदारों ने की है.

    बचाव और राहत अभियान के लिए 78 नौसैनिक तैनात

    अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि भूस्खलन के बाद केरल के वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई इलाकों में कई स्थानों पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए 78 नौसैनिकों को तैनात किया गया है.

    अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित लोगों को सामग्री, भोजन निरंतर सप्लाई बनाए रखने के लिए एक टीम को नदी के किनारे तैनात किया गया था, जबकि अन्य टीमों को जीवित बचे लोगों की तलाश, मलबा साफ करने और शवों को बरामद करने के लिए तैनात किया गया था. घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चूरलमाला में एक चिकित्सा चौकी स्थापित की गई है.

    तीन अधिकारियों और 30 नौसैनिकों की एक टीम ने भूस्खलन से अलग-थलग पड़े चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों को जोड़ने वाले नदी पर महत्वपूर्ण बेली ब्रिज को जोड़ने और बनाने में भारतीय सेना के प्रयासों को आगे बढ़ाया है. यह पुल रसद सहायता की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है, जिससे भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही संभव हो पाती है.

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