तेहरान (ईरान) : ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली ख़ामेनेई का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नया अकाउंट सिर्फ़ दो पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया गया है, येरूसलम पोस्ट की खबर से ये जानकारी सामने आई है.
85 वर्षीय नेता ने, एलॉन मस्क के मालिकाना वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर उनका अकाउंट निलंबित किया गया है, उन्होंने हिब्रू भाषा में एक्स पर दो संदेश पोस्ट किए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
यह कदम शनिवार को इज़रायल द्वारा ईरान पर हमला करने के बाद उठाया गया.
ईरान की आर्मी ने बताया कि एक दिन पहले उसके 4 सैनिक मारे गए
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल होसैन सलामी ने रविवार को कहा कि चार ईरानी सैनिक मारे गए. इरना की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार के हमले में एक नागरिक की भी मौत हो गई.
इस बीच, ख़ामेनेई ने रविवार को कहा कि ईरान की शक्ति को इज़रायल तक पहुंचाना और देश के हित में काम करना अधिकारियों पर निर्भर है और ईरान पर इज़रायल के हवाई हमलों को न तो बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाना चाहिए और न ही कम करके आंका जाना चाहिए.
ईरानी समाचार एजेंसी इरना की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के नेता ने कल कहा कि इज़रायल ईरान के खिलाफ अपने कदमों के प्रभावों को बढ़ा-चढ़ाकर बताना चाहेगा, ईरान के लिए हमलों को महत्वहीन मानकर खारिज करना भी सही नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इज़रायली शासन ने ईरान के प्रति गलत अंदाजा लगा रहा है, क्योंकि उसे अभी भी देश और उसके लोगों को जानना और उनकी शक्ति और दृढ़ संकल्प के स्तर को समझना बाकी है.
ईरान के सर्वोच्च नेता ने गज़ा, लेबनान को लेकर कुछ देशों के रवैये की आलोचना की
ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा, "हमें उन्हें ये सब समझाना चाहिए." इरना की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता ने गज़ा और लेबनान में इज़रायली शासन द्वारा किए जा रहे कार्यों को रोकने में विफल रहने के लिए कुछ सरकारों और संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया की भी आलोचना की, जिसे उन्होंने सबसे क्रूर युद्ध अपराध बताया.
ख़ामेनेई के हवाले से कहा गया, "आज के समय में सबसे क्रूर युद्ध अपराध करने वाले दुर्भावनापूर्ण ज़ायोनी शासन के खिलाफ़ एक वैश्विक गठजोड़, साथ ही एक राजनीतिक गठजोड़, एक आर्थिक गठजोड़ और, यदि आवश्यक हो, तो एक सैन्य गठजोड़ बनाया जाना चाहिए."
हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अपने लोगों की रक्षा करूंगा : ईरान के राष्ट्रपति
इस बीच, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि इस्लामी गणराज्य युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा और देश के खिलाफ़ ताजा इज़रायली आक्रमण का उचित जवाब देगा. इरना ने 27 अक्टूबर को कैबिनेट सत्र में पेजेशकियन के भाषण का हवाला दिया, एक दिन पहले इज़रायली शासन ने ईरानी सैन्य स्थलों पर हमले शुरू किए थे. उन्होंने चार ईरानी सशस्त्र बलों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की, जिन्होंने इज़रायली आक्रमण के खिलाफ़ देश के हवाई क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी.
इज़रायल ने ईरान पर दागी हैं कई मिसाइलें : सीएनएन की रिपोर्ट
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को इज़रायल ने ईरान में मिसाइल निर्माण सुविधाओं, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सरणियों और अन्य "हवाई क्षमताओं" पर एक साथ हमला किया.
इज़रायल ने बाद में कहा कि हवाई हमले ने ईरान के 1 अक्टूबर के मिसाइल हमले के प्रति उसकी प्रतिक्रिया "समाप्त" कर दी है, उन्होंने कहा कि उसके युद्धक विमान सुरक्षित रूप से वापस आ गए हैं और मिशन "पूरा" हो गया है. ईरान की वायु सेना ने तेहरान, खुज़स्तान और इलम प्रांतों में सैन्य ठिकानों पर हमलों की पुष्टि की है, जिनसे "सीमित क्षति हुई है".
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