नई दिल्ली : बवाना पुलिस स्टेशन में मंगलवार को हिरासत में लिए गए लद्दाख के प्रदर्शनकारियों से मिलने गईं दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया गया, जो लद्दाख के लिए स्वायत्तता की मांग कर रहे, विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एक्टिविस्ट हैं.
"लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं. सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग, जो बापू की समाधि पर जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया. यह सरकार की तानाशाही है. हम सोनम वांगचुक का पूरा समर्थन करते हैं."
आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली के एलजी ने उन्हें प्रदर्शनकारियों से मिलने से रोकने में रोल निभाया.
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आतिशी ने कहा- पुलिस अधिकारियों को एलजी का फोन आया होगा
आतिशी ने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि इन पुलिस अधिकारियों को एलजी साहब का फोन आया होगा कि चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि, दिल्ली के सीएम को सोनम वांगचुक से मिलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और दिल्ली को भी पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए."
"आज केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने, वोट देने के अधिकार को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया? मुझे उनसे मिलने से क्यों रोका जा रहा है? क्योंकि केंद्र सरकार लोकतंत्र से डरती है और आज मैं पूरे विश्वास के साथ कह रही हूं कि अगर मौजूदा सरकार की ऐसी तानाशाही चलती रही तो लद्दाख में एलजी का शासन खत्म हो जाएगा, दिल्ली में एलजी का शासन खत्म हो जाएगा और यहां केंद्र सरकार में भी."
लद्दाख के लोगों को हिरासत में लेने पर राज्य में जुटे बड़ी संख्या में लोग
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में लद्दाख में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए. सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर लोग लेह में सड़कों पर उतर आए और "दिल्ली पुलिस शर्म करो, शर्म करो" के नारे लगाए.
लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा मंगलवार को दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे, जब कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य को सोमवार देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
हनीफा ने कहा कि सभी जानते हैं कि लद्दाख पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार के साथ कैसे बातचीत कर रहा है.
लद्दाख के सांसद प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे, रखी अपनी मांग
हनीफा ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि पिछले 3 सालों से हम अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे थे. हमने इसके लिए सरकार से बातचीत भी की थी, लेकिन चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने बातचीत बंद कर दी. हम सरकार के सामने अपनी बात रखने के लिए कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और एपेक्स बॉडी के बैनर तले लेह से पैदल निकले. पुलिस द्वारा वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद, हमने सरकार के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मार्च किया. हालांकि, वांगचुक और कई महिलाओं सहित सदस्यों को अलग-अलग इलाकों में हिरासत में लिया गया."
सिंघु बॉर्डर पुलिस ने वांगचुक और समर्थकों को रात में हिरासत में लिया
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर बीएनएस की धारा 163 लगा दी गई है.
वांगचुक और अन्य स्वयंसेवक लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च कर रहे थे ताकि केंद्र से उनकी मांगों के संबंध में लद्दाख के नेतृत्व के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की अपील की जा सके. उनकी प्रमुख मांगों में से एक है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून बनाने की शक्ति मिल सके.
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