लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से लंदन में औपचारिक मुलाकात की. यह बैठक भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को एक नई गति देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी, जो दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर ब्रिटेन पहुंचे हैं, जल्द ही किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे.
यह मोदी की चौथी ब्रिटेन यात्रा है, लेकिन कीर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी यह पहली मुलाकात है. दोनों नेताओं के बीच व्यापार, रक्षा, तकनीक, जलवायु और वैश्विक रणनीतिक सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा हुई.
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA)
दोनों देशों के बीच लंबे समय से लंबित भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर अब निर्णायक मोड़ आ चुका है. करीब तीन वर्षों तक चली वार्ताओं के बाद यह समझौता अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. भारत सरकार की कैबिनेट इस प्रस्ताव को पहले ही स्वीकृति दे चुकी है, और अब ब्रिटिश संसद से इसकी औपचारिक मंजूरी की प्रक्रिया बाकी है – जिसे पूरा होने में कुछ महीनों से लेकर एक साल तक लग सकता है.
इस समझौते का उद्देश्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर लगभग 120 अरब डॉलर तक ले जाना है.
FTA: क्या होगा इसका असर?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता, दो देशों के बीच ऐसा समझौता होता है जिससे वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान पर टैक्स या ड्यूटी को कम किया जाता है या पूरी तरह समाप्त कर दिया जाता है. इससे कारोबार में बाधाएं घटती हैं और व्यापार में तेजी आती है.
भारत-यूके FTA के तहत:
यूके के उत्पाद होंगे भारत में किफायती
ब्रिटेन से आने वाली स्कॉच व्हिस्की और वाइन पर आयात शुल्क में कटौती से ये उत्पाद भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे. इससे जहां उपभोक्ताओं को विकल्प मिलेंगे, वहीं घरेलू प्रीमियम अल्कोहल कंपनियों के लिए यह एक नई चुनौती बन सकती है. स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के CEO मार्क केंट ने इस समझौते को "एक पीढ़ी में एक बार होने वाला ऐतिहासिक अवसर" बताया है.
FTA से इन प्रमुख क्षेत्रों को मिल सकता है लाभ:
कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अहम यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल द्विपक्षीय व्यापार की दिशा में एक कदम नहीं है, बल्कि यह भारत और ब्रिटेन के बीच गहराते रणनीतिक सहयोग का प्रतीक भी है. भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस वार्ता में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने पहले भी इस डील के विभिन्न दौरों में प्रतिनिधित्व किया है.
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