नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के 'सार्थक शीतकालीन सत्र' की उम्मीद जताते हुए कहा कि दुनिया भारत की ओर 'बड़ी उम्मीद' से देख रही है और संसद के समय का इस्तेमाल इस तरह से किया जाना चाहिए कि इससे वैश्विक स्तर पर भारत को जो सम्मान मिला है, वह और मजबूत हो.
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi says, "Some people who have been rejected by the people are constantly trying to control the Parliament through hooliganism by a handful of people. The people of the country count all their actions and when the time comes, they also punish them.… pic.twitter.com/qUhCsb2Ae6
— ANI (@ANI) November 25, 2024
पीएम मोदी ने दुनिया में भारत को मिले सम्मान को मजबूत करने की अपील की
संसदीय सत्र से पहले अपने मीडिया संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है. संसद के समय का हमारा इस्तेमाल और सदन में हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि इससे वैश्विक स्तर पर भारत को जो सम्मान मिला है, उसे और बल मिले. प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को इस सत्र को जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने एक सार्थक सत्र की आशा करते हुए कहा कि यह सत्र ऐसा होना चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दे. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि सभी सांसद भारत के 'समर्पित' मतदाताओं की भावनाओं पर खरा उतरें. भारत के मतदाता लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं, संविधान के प्रति उनका समर्पण है, संसदीय कार्य प्रणाली में उनकी आस्था है, संसद में बैठे हम सभी को लोगों की भावनाओं पर खरा उतरना होगा और यह समय की मांग है. इसकी भरपाई का एक ही तरीका है कि हम सदन में हर विषय के विभिन्न पहलुओं को बहुत स्वस्थ तरीके से उजागर करें, आने वाली पीढ़ियों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी. मुझे उम्मीद है कि यह सत्र बहुत फलदायी होगा, जो संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ का गौरव बढ़ाएगा, दुनिया में भारत की गरिमा को मजबूती प्रदान करेगा, नए सांसदों को अवसर प्रदान करेगा और नए विचारों का स्वागत करेगा, इसी के साथ मैं एक बार फिर सभी सम्मानित सांसदों को इस सत्र को जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं."
आज से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा संसद का ये सत्र
संसद सत्र आज से शुरू होने वाला है, जिसमें वक्फ अधिनियम (संशोधन) विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होनी है. सत्र का समापन 20 दिसंबर को होगा.
'संविधान दिवस' के मौके पर 26 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा की बैठक नहीं होगी.
अन्य विधेयक जो पेश, विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध हैं, उनमें मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, भारतीय वायुयान विधायक, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, माल ढुलाई विधेयक, समुद्री मार्ग से माल ढुलाई विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक, बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक और तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक शामिल हैं. बॉयलर विधेयक, राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, तटीय शिपिंग विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक भी सूची में शामिल हैं.
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