PM Modi Cannada Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 जून को हुई कनाडा यात्रा महज 23 घंटे की थी, लेकिन इस संक्षिप्त दौरे ने भारत और कनाडा के बीच जमी बर्फ को पिघलाने का काम किया. करीब 9 वर्षों बाद पीएम मोदी की कनाडा यात्रा सिर्फ कूटनीतिक मेलजोल ही नहीं, बल्कि खालिस्तानी गतिविधियों पर सख्त रुख और नई राजनीतिक सोच का संकेत बन गई.
खालिस्तान पर बदला कनाडा का रुख
भारत वर्षों से कनाडा में पल रही खालिस्तानी सोच को लेकर चिंता जताता रहा है, लेकिन अब पहली बार कनाडा ने सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार कर लिया है कि खालिस्तानी तत्व राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं. यह बयान पीएम मोदी की यात्रा के महज 24 घंटे बाद आया. कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS (Canadian Security Intelligence Service) ने खुलासा किया है कि भारत में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने, योजनाएं बनाने और धन इकट्ठा करने के लिए खालिस्तान समर्थक कनाडा की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं.
भारत की पुरानी चेतावनियों की पुष्टि
नई दिल्ली का रुख स्पष्ट रहा है कि कनाडा भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गया है, जहां अलगाववादी गुट खुलेआम काम कर रहे हैं. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दौर में इन चेतावनियों को नजरअंदाज़ किया गया. ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए आरोपों ने संबंधों को और अधिक बिगाड़ा था. हालांकि, अब कनाडा ने भारत के रुख को सही ठहराते हुए माना है कि देश की धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन नहीं मिलना चाहिए.
Project Pelican और खालिस्तानी नेटवर्क का पर्दाफाश
भारत की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन Project Pelican के तहत कई अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है. इस अभियान में कनाडा और अमेरिका के बीच चलने वाली एक ट्रकिंग नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसमें खालिस्तान समर्थक ड्रग कार्टेल्स से जुड़े पाए गए. इस नेटवर्क का उपयोग हथियारों की खरीद, जनमत संग्रह और भारत विरोधी प्रदर्शनों के लिए फंडिंग में किया जाता था.
नए पीएम मार्क कार्नी से बढ़ी उम्मीदें
ट्रूडो के बाद सत्ता में आए मार्क कार्नी के नेतृत्व में भारत-कनाडा संबंधों में ताज़गी दिख रही है. पीएम मोदी ने उनकी सरकार से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. दोनों देशों ने उच्चायुक्तों की नियुक्ति बहाल करने और व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है. खाद्य सुरक्षा, डिजिटल ट्रांजिशन, टेक्नोलॉजी और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की बात भी हुई.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कार्नी की प्रतिक्रिया
G7 समिट के दौरान जब पत्रकारों ने कार्नी से पूछा कि क्या उन्होंने पीएम मोदी से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच पारदर्शी सहयोग पर बातचीत हुई है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए सावधानी बरती जा रही है.
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