अमृतपाल सिंह जैसों के जेल से चुनाव जीतने पर सीनियर वकील ने जताई नाराजगी, कहा- संसद को दखल देनी चाहिए

    सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां उन्हें अपनी सीट छोड़नी पड़ती है, उन्हें हिरासत से बाहर आने तक दोबारा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

    अमृतपाल सिंह जैसों के जेल से चुनाव जीतने पर सीनियर वकील ने जताई नाराजगी, कहा- संसद को दखल देनी चाहिए
    सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और सीनियर वकील विकास सिंह | Photo- ANI

    नई दिल्ली : जेल में बंद उम्मीदवारों के सांसद बनने की प्रक्रिया में संसद से दखल देने की अपील करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि आपराधिक आरोपों वाले विधायकों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि यह एक विडंबना है कि "जेलों में बंद लोग वोट नहीं दे सकते, लेकिन चुनाव लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं".

    वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया, "संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि ऐसे लोग संसद के लिए चुने जाएंगे. इसके लिए एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है, जिसके अनुसार, उम्मीदवार चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे. विडंबना यह है कि जेल में बंद लोग वोट नहीं दे सकते, लेकिन चुनाव लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं. एक संसदीय सीट 60 दिनों से अधिक समय तक खाली नहीं रह सकती, भले ही उन्होंने शपथ ली हो या नहीं. संसद को हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसे लोगों को नहीं चुनने देना चाहिए."

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    कहा- ऐसे लोगों को नहीं मिलनी चाहिए चुनाव लड़ने की अनुमति

    उन्होंने आगे कहा कि ऐसे उम्मीदवारों को दोबारा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि जब तक वे हिरासत में रहेंगे, तब तक उनके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा.

    सिंह ने कहा, "और ऐसे मामलों में जहां उन्हें अपनी सीट छोड़नी पड़ती है, उन्हें हिरासत से बाहर आने तक दोबारा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वे जितने दिन जेल में बिताएंगे, निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा. इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए कानून लाना समय की मांग है. कहीं न कहीं एक प्रावधान है जो उन्हें किसी को अधिकृत करके अपना नामांकन दाखिल करने की अनुमति देता है, इस तरह से वे चुनाव लड़ते हैं."

    भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को उद्धृत करते हुए, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पद्मनाभन ने कहा, "संविधान की खूबसूरती यह है कि यह उन लोगों की रक्षा करता है जो इसमें विश्वास भी नहीं करते हैं."

    पद्मनाभन ने कहा कि संसद में ऐसे मामलों से बचने का उपाय एक त्वरित सुनवाई है जिसके परिणामस्वरूप जेल में बंद उम्मीदवारों को या तो बरी किया जा सकता है या दोषी ठहराया जा सकता है.

    आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और 2 वर्ष या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो यह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता हो.

    सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह ने हासिल की है जीत

    मंगलवार को चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की है, जबकि शेख अब्दुल राशिद, जिन्हें "इंजीनियर राशिद" के रूप में भी जाना जाता है, ने बारामुल्ला सीट जीती है. अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था, कुछ सप्ताह पहले वह पुलिस से बच निकला था और उसके खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया था.

    उसने खडूर साहिब लोकसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के भारी अंतर से हराया. इंजीनियर राशिद ने बारामुल्ला सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया. उन्होंने 2,04,142 मतों के अंतर से जीत हासिल की और उन्हें 4,72,481 मत मिले.

    इंजीनियर राशिद पर आतंकियों की मदद का है आरोप

    राशिद कथित आतंकी वित्तपोषण के आरोप में 9 अगस्त 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है.

    संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने कहा कि जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और इंजीनियर अब्दुल राशिद, जिन्होंने लोकसभा चुनाव जीता है, अदालत की अनुमति से शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने और महत्वपूर्ण मतदान में हिस्सा लेने के लिए संसद आ सकते हैं.

    उन्होंने कहा, "वे (जेल में बंद सांसद) संसद आ सकते हैं. पहली बात तो यह है कि अब उन्हें आकर शपथ लेनी होगी. अदालत और संबंधित अधिकारियों की अनुमति से वे बाहर आकर शपथ ले सकते हैं. पुलिस उन्हें संसद लाएगी, जिसके बाद उन्हें संसद की सुरक्षा को सौंप दिया जाएगा. शपथ लेने के बाद उन्हें पुलिस के साथ वापस जेल भेज दिया जाएगा."

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