आतंक के खिलाफ लड़ाई अब नए मोड़ पर पहुंच चुकी है. भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब आतंकवादी हमलों का जवाब सिर्फ शब्दों में नहीं, ठोस सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा.
इस ऑपरेशन के तुरंत बाद पाकिस्तान की सियासत में हलचल मच गई. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को राष्ट्र को संबोधित करना पड़ा, जिसमें उन्होंने भारत पर न केवल सैन्य हमले का आरोप लगाया बल्कि यह भी कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की "छवि खराब" करने की कोशिश की है.
क्या बोले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री?
शरीफ ने अपने संबोधन में बताया कि जिस दिन वह तुर्की के दौरे पर थे, उसी दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है. अपने बचाव में शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की पेशकश भी की और कहा कि पाकिस्तान जांच में पूरी तरह सहयोग करने को तैयार था. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ हमला नहीं किया, बल्कि पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजाक भी उड़ाया. हमने जांच में सहयोग की बात भी कही, इसके बावजूद भारत ने देश पर हमला किया.
हालांकि भारत ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया, और यहां तक कि एक मित्र देश के समर्थन के बावजूद, उस देश के राजदूत को तलब कर कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई. यह घटनाक्रम पाकिस्तान के कूटनीतिक दबाव में आने का संकेत माना जा रहा है.
भारत की रणनीति: बिना शोर के निर्णायक प्रहार
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रिया और उनके नेताओं के बयानों को पहले ही पढ़ लिया था. इसलिए इस बार बिना किसी सार्वजनिक चेतावनी या बयान के सीधे कार्रवाई की गई. इसका नतीजा यह हुआ कि आतंकियों के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को निर्दोष साबित करने में उलझ गया.
भारत ने इस पूरे अभियान को "आतंकवाद विरोधी कार्रवाई" करार दिया. भारत ने स्पष्ट किया कि यह कोई युद्ध नहीं, बल्कि सटीक और सीमित सैन्य ऑपरेशन था. इसका लक्ष्य केवल आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करना था.
अभी खत्म नहीं हुआ ऑपरेशन सिंदूर
सेना के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, 'ऑपरेशन सिंदूर' का अंत अभी नहीं हुआ है. इसे एक चरण मानकर चलना भूल होगी. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं होतीं, तब तक ऐसे ऑपरेशन होते रहेंगे.
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