जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की निर्णायक कार्रवाई जारी है. शुक्रवार को बांदीपोरा जिले के जंगलों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का वांछित टॉप कमांडर अल्ताफ लाली मारा गया. यह मुठभेड़ पहलगाम में हुए 26 नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है.
पहलगाम हमले से जुड़े संदिग्धों पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, अल्ताफ लाली का नाम उन आतंकियों में शामिल था, जो हाल ही में बैसरन घाटी में हुए हमले की साजिश में शामिल थे या उन्हें सहायता पहुंचा रहे थे. इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है.
जवानों की बहादुरी, दो घायल
मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने भारी फायरिंग की, जिसमें दो जवान घायल हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. सेना और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और जंगल में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि अन्य छिपे आतंकियों को भी ढूंढ़ा जा सके.
सरकार और सेना का सख्त रुख
पहलगाम की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकियों को “जवाब भुगतने” की चेतावनी दी थी. इसके बाद से सुरक्षाबलों ने घाटी में सर्च ऑपरेशन्स को तेज कर दिया है. अब तक सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ हो चुकी है और कई गिरफ्तारियां भी की गई हैं.
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