पुंछ (जम्मू और कश्मीर) : जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से आतंकवाद रोकने का अपील करते हुए कहा कि इससे जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं आएगा.
फारूक ने कहा, "आतंकवाद किसी की मदद नहीं करेगा. अगर हमारा पड़ोसी (पाकिस्तान) सोचता है कि वे इन आतंकवादियों को (सीमा पार) भेजकर बदलाव लाएंगे, तो ऐसा कभी नहीं होगा."
पांच जवानों की मौत पर अब्दुल्ला ने दी अपनी प्रतिक्रिया
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख ने कहा, "आज सेना के पांच जवानों ने अपनी जान दे दी और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. सीमा पर (स्थिति) कैसे बदलेगी?"
उनकी ये प्रतिक्रिया कठुआ आतंकी हमले के मद्देनजर आई है.
जम्मू-कश्मीर के काठा जिले में 9 जुलाई को आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और कई घायल हो गए.
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फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर किया कड़ा प्रहार
पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए फारूक ने कहा, "...देश पहले से ही मुश्किल में है. लड़ाई से दोनों देशों में तबाही ही आएगी. कृपया, इस आतंकवाद को रोकें. दुनिया भर में इसकी निंदा की जाती है."
उन्होंने यह भी कहा कि आज दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद का समर्थन नहीं करता. एनसी प्रमुख ने कहा, "आज दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. हर कोई आतंकवाद के खिलाफ बोल रहा है. आतंकवाद में लिप्त होकर उन्हें (पाकिस्तान को) क्या मिलने वाला है? जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिवार आज शोक मना रहे होंगे."
एनसी नेता ने कहा- बातचीत तभी होगी जब आतंकवाद रुकेगा
दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "बातचीत तभी होगी जब आतंकवाद रुकेगा. हम भी बातचीत के पक्ष में हैं. दोनों चीजें (बातचीत और आतंकवाद) एक साथ नहीं चल सकतीं... पाकिस्तान को (आतंकवाद को रोकने के लिए) कदम उठाने चाहिए."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया शोक
मैं बदनोटा, कठुआ (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले में हमारे पांच बहादुर भारतीय सेना के जवानों की मौत से बहुत दुखी हूँ.
शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ, राष्ट्र इस कठिन समय में उनके साथ मजबूती से खड़ा है.आतंकवाद विरोधी अभियान जारी हैं, और हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.मैं इस नृशंस आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ.
I am deeply anguished at the loss of five of our brave Indian Army Soldiers in a terrorist attack in Badnota, Kathua (J&K).
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 9, 2024
My deepest condolences to the bereaved families, the Nation stands firm with them in this difficult time. The Counter Terrorist operations are underway,…
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया शोक
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कठुआ में हुए आतंकी हमले की भी निंदा की जिसमें 5 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सेना के जवानों के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला एक कायरतापूर्ण कृत्य है जिसकी निंदा की जानी चाहिए और इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए. मेरी संवेदनाएं उन बहादुरों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ चल रहे इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं."
9 जून से रियासी, कठुआ और डोडा में चार स्थानों पर आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें नौ तीर्थ यात्री और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया. एक नागरिक और कम से कम सात सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.
इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और सभी सुरक्षा एजेंसियों को "मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने" का निर्देश दिया.