नौवीं बार नवीन पटनायक ने संभाली BJD की कमान, निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष

    ओडिशा की राजनीति में एक बार फिर इतिहास ने खुद को दोहराया है. बीजू जनता दल (BJD) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लगातार नौवीं बार पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है. खास बात यह रही कि इस बार भी उनके नाम के खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं भरा, जिससे वे निर्विरोध पार्टी के सर्वोच्च पद पर काबिज़ हुए. 

    नौवीं बार नवीन पटनायक ने संभाली BJD की कमान, निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष
    Image Source: ANI

    ओडिशा की राजनीति में एक बार फिर इतिहास ने खुद को दोहराया है. बीजू जनता दल (BJD) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लगातार नौवीं बार पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है. खास बात यह रही कि इस बार भी उनके नाम के खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं भरा, जिससे वे निर्विरोध पार्टी के सर्वोच्च पद पर काबिज़ हुए. 

    बेसब्री से कर रहे थे इस पल का इंतजार 

    शनिवार को पार्टी मुख्यालय शंख भवन में बीजेडी नेताओं ने औपचारिक रूप से इस ऐलान को सार्वजनिक किया. पार्टी नेता प्रदीप माझी ने कहा, "हजारों कार्यकर्ता इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. हम सब नवीन पटनायक के नेतृत्व में फिर से ओडिशा में बीजेडी की वापसी सुनिश्चित करेंगे."

    राजनीतिक अवसर नहीं 

    नवीन पटनायक ने अपना नामांकन ऐसे दिन दाखिल किया, जो उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक अवसर नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी गहरा जुड़ा हुआ था — उनके पिता बीजू पटनायक की पुण्यतिथि. यह कदम पार्टी के पुराने मूल्यों और नए राजनीतिक सफर के बीच एक सेतु की तरह देखा जा रहा है.

    यह भी पढ़े: भाषा विवाद पर मायावती का बयान, हिंदी को छोड़कर जानिए किस लैंग्वेज की पैरवी की? कर डाली ये बड़ी मांग

    संगठन को फिर से खड़ा करने की चुनौती

    बीजेडी इस समय एक नाजुक दौर से गुजर रही है. 2024 के चुनावों में पार्टी को करारी हार मिली — विधानसभा में 147 सीटों में से भाजपा ने 78 सीटें जीत लीं और बीजेडी एक भी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी. 24 सालों तक सत्ता में रहने के बाद अब बीजेडी विपक्ष में है. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष के रूप में नवीन पटनायक की वापसी न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि आने वाले समय में उन्हें पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की व्यावहारिक चुनौती भी उठानी होगी.

    2025 संगठनात्मक चुनाव की तैयारी शुरू

    बीजेडी नेता देबी प्रसाद मिश्रा ने जानकारी दी कि अब पार्टी का फोकस 2025 के संगठनात्मक चुनावों पर होगा. पार्टी अध्यक्ष कार्यकर्ताओं और सदस्यों का चयन सातवें दौर में करेंगे. वहीं, राज्य परिषद और कार्यकारी समिति की नियुक्तियाँ भी जल्द होंगी.

    आगे की राह आसान नहीं

    हालांकि नवीन पटनायक अब भी पार्टी के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं, लेकिन पार्टी के अंदरूनी असंतोष, हार की पीड़ा और वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दे पार्टी के सामने चुनौती बनकर खड़े हैं. अब देखना यह है कि क्या 2029 तक नवीन पटनायक एक बार फिर बीजेडी को सत्ता में वापस ला पाएंगे या नहीं.