ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. बाएं हाथ के इस घातक पेसर ने करीब 13 साल के T20I करियर को विराम देते हुए अब खेल के लंबे प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जैसे ही न्यूजीलैंड के खिलाफ T20 सीरीज़ के लिए टीम की घोषणा की, उसी समय स्टार्क के संन्यास की जानकारी भी सार्वजनिक कर दी गई.
2012 में किया डेब्यू, 2024 में लिया विदाई का फैसला
मिचेल स्टार्क ने T20 इंटरनेशनल में अपना डेब्यू सितंबर 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ किया था. उन्होंने अपना अंतिम T20I मुकाबला जून 2024 में भारत के विरुद्ध खेला. इतने सालों में स्टार्क ने कुल 65 T20 मुकाबले खेले और 79 विकेट झटके. उनकी गति, यॉर्कर और डेथ ओवर की गेंदबाज़ी के कारण वह इस फॉर्मेट में भी ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बेहद अहम खिलाड़ी साबित हुए.
क्यों लिया T20I से संन्यास?
स्टार्क के इस फैसले को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अब अपने करियर के अंतिम चरण में टेस्ट और वनडे क्रिकेट पर फोकस करना चाहते हैं. यह भी बताया जा रहा है कि उनकी नज़र अब सीधे 2027 वनडे वर्ल्ड कप पर है, जिसमें वह एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया को खिताब दिलाना चाहते हैं. संभवतः उम्र और फिटनेस को ध्यान में रखते हुए उन्होंने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप से हटने का निर्णय लिया है, जिससे वे अपने शेष करियर को स्थिर और प्रभावशाली बना सकें.
T20I में शानदार रिकॉर्ड, एडम जंपा के बाद दूसरे स्थान पर
स्टार्क ने अपने T20 करियर में जो मुकाम हासिल किया है, वह बेहद खास है. T20I में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों की सूची में वह दूसरे नंबर पर हैं. उनसे ऊपर केवल लेग स्पिनर एडम जंपा हैं, जिनके नाम 130 विकेट दर्ज हैं.स्टार्क का करियर वैसे तो कई शानदार पलों से भरा रहा, लेकिन 2021 में T20 वर्ल्ड कप जीतना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है. यह टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार अपने नाम किया था.
एक युग का अंत, एक नई शुरुआत
मिचेल स्टार्क का T20 इंटरनेशनल करियर भले ही अब इतिहास बन चुका हो, लेकिन उनकी गेंदबाज़ी का जादू टेस्ट और वनडे में जारी रहेगा. उनकी इस रणनीतिक विदाई को उनके क्रिकेट करियर के एक सोच-समझे मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में स्टार्क टेस्ट और वनडे क्रिकेट में कैसे अपनी छाप छोड़ते हैं — खासकर तब जब उनका लक्ष्य एक और विश्व कप जीतना है.
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