फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव को 'धर्मयुद्ध' करार दिया, कहा- अघाड़ी असत्य के लिए लड़ रहा, हम सत्य के लिए

    हम गांधीजी को बहुत मानते हैं. लेकिन हमारे सामने वाले लोग हमें मारते रहें और हम देखते रहें. हम ऐसी अहिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. अगर हमारे सामने वाला व्यक्ति हमें मारता है, तो वे ईंट का जवाब पत्थर से जवाब देंगे.

    फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव को 'धर्मयुद्ध' करार दिया, कहा- अघाड़ी असत्य के लिए लड़ रहा, हम सत्य के लिए
    एएनआई के साथ एक खास बातचीत में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस | Photo- ANI

    मुंबई (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी पर वोट हासिल करने के लिए समाज को बांटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी धोखा देना जारी रखते हैं, तो उन्हें भी उतनी ही या उससे भी अधिक कड़ी प्रतिक्रिया "ईंट का जवाब पत्थर से" देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

    संस्कृत के एक श्लोक का हवाला देते हुए, फडणवीस ने अपने 'धर्मयुद्ध' वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि महायुति, विपक्षी महा विकास अघाड़ी की 'असत्य' की लड़ाई का मुकाबला करने के लिए 'सत्य' की लड़ाई लड़ रही है.

    महाराष्ट्र की डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा- हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे

    एएनआई से खास बातचीत में फडणवीस ने कहा, "धर्मयुद्ध की अवधारणा क्या है? "यतो धर्मस्ततो जयः" जिसका अर्थ है "जहां धर्म है, वहां विजय होगी". यह हमारा धर्मयुद्ध है. वे 'असत्य' के लिए लड़ रहे हैं और हमें 'सत्य' के लिए लड़ना है. हमने कभी हिंदुओं से धर्मयुद्ध के लिए लड़ने के लिए नहीं कहा, हमने कहा, हम धर्मयुद्ध के लिए लड़ेंगे. चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं, चुनाव आयोग के पास कौन जाएगा, यह बाद में होगा."

    उन्होंने कहा, "इन लोगों (एमवीए) ने वोट हासिल करने के लिए समाज को विभाजित किया है. इसलिए, जब हम चुनाव लड़ते हैं, तो यह बिना किसी हथियार या मिसाइल के लड़ाई होती है और अगर विरोधी धोखाधड़ी करना जारी रखते हैं, तो हम उन्हें जवाब देंगे. 'ईंट का जवाब पत्थर से'. देखिए, हम गांधीजी को बहुत मानते हैं. हम अहिंसा में भी बहुत विश्वास करते हैं. लेकिन हम इस तथ्य को स्वीकार नहीं करते हैं कि हमारे सामने वाले लोग हमें मारते रहें और हम देखते रहें. हम ऐसी अहिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. अगर हमारे सामने वाला व्यक्ति हमें मारता है, तो वे ईंट का जवाब पत्थर से जवाब देंगे."

    फडणवीस ने ओवैसी के औरंगाबाद को लेकर बयान पर की टिप्पणी

    फडणवीस ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पुष्टि की कि यह भूमि छत्रपति शिवाजी महाराज की है, न कि रजाकारों की और इसलिए शहर का नाम ऐसा रखा गया है. जब उनसे पूछा गया कि राजनेता चुनावी रैलियों में औरंगजेब को क्यों लाते रहते हैं, तो उन्होंने कहा, "यह ओवैसी ही हैं, जिन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा था कि आपने संभाजी नगर का नाम कैसे रखा? संभाजी का क्या संबंध है? जब वे कहते हैं कि यह भूमि हमारे रजाकारों की है, तो मुझे उन्हें याद दिलाना होगा कि यह भूमि हमारे पूर्वजों की है, और यह रजाकारों की भूमि नहीं है. यह भूमि छत्रपति शिवाजी महाराज की है. यह भूमि हमारे पूर्वजों की है. रजाकारों ने उनके खिलाफ अत्याचार करके इस भूमि पर कब्जा कर लिया था."

    फडणवीस ने दोहराया कि "यह संभाजी नगर है" और सभी को पता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने क्या बलिदान दिया है और मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा उनके खिलाफ क्या अत्याचार किए गए थे. उन्होंने कहा, "हमें उन्हें याद दिलाना होगा. इतिहास और छत्रपति शिवाजी महाराज के बलिदानों को हर कोई जानता है. छत्रपति शिवाजी महाराज को औरंगजेब ने हफ्तों तक प्रताड़ित किया, उसने उनसे अपना धर्म बदलने के लिए कहा लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपना धर्म बदलना स्वीकार नहीं किया. वह शहीद हो गए. यह संभाजी नगर है. अगर आप आकर कहते हैं कि हम संभाजी नगर को वापस औरंगाबाद बना देंगे, तो आप इसे कैसे बनाएंगे?"

    अयोध्या की सीट हारने को लेकर फडणवीस ने दी अपनी प्रतिक्रिया

    अयोध्या सीट पर भाजपा की हार पर विपक्ष की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि अयोध्या की एक सीट पर चुनाव हारने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि लोग अभी भी अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं.

    फडणवीस ने कहा, "चुनाव हारना और जीतना कुछ भी तय नहीं करता है और अयोध्या महज एक चुनावी सीट है. कभी हम जीतते हैं, कभी हम हारते हैं. इससे क्या फर्क पड़ता है? क्या इसका मतलब यह है कि अगर हम अयोध्या में हार गए तो अयोध्या के लोग राम मंदिर नहीं चाहते? क्या इसका मतलब यह है कि लोग राम मंदिर नहीं चाहते? नहीं. आप आज भी पूछ सकते हैं."

    फडणवीस ने कहा अघाड़ी उलेमा बोर्ड के लिखे पत्र के लिए काम कर रहा

    फडणवीस ने अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को समर्थन के लिए कथित तौर पर लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा, "मैं फिर से एक सवाल पूछना चाहूंगा. अगर महा विकास अघाड़ी उलेमाओं की ऐसी मांगों को स्वीकार कर लेगी, वह भी सिर्फ पत्रों को स्वीकार करके तो हम चुप कैसे रह सकते हैं? देश को बांटने की कांग्रेस की यही मानसिकता रही है."

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार तेज हो गया है और सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों ही मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने हैं और 23 नवंबर को मतगणना होगी.

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