महाकुंभ में छाए 'IIT बाबा', एक इंजीनियर ने क्यों अपनाई आध्यात्मिकता? जानिए अभय सिंह के जीवन की ये दिलचस्प कहानी

    महाकुंभ में एक व्यक्ति ने खास ध्यान खींचा है, वो है- एक पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर, जो अब ‘IIT बाबा’ के नाम से मशहूर हो चुके हैं.

    Maha Kumbh IIT Baba Abhey Singh Aerospace Engineer
    IIT बाबा | Photo: Abhey Singh Instagram

    प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): महाकुंभ मेला में लाखों भक्त आकर त्रिवेणी संगम में स्नान करके आत्मिक शांति और शुद्धि प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. इस आध्यात्मिक मेले में कई साधु-संत और धार्मिक नेता शामिल हुए हैं, लेकिन इनमें से एक व्यक्ति ने खास ध्यान खींचा है, वो है- एक पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर, जो अब ‘IIT बाबा’ के नाम से मशहूर हो चुके हैं.

    ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से भी पुकारते हैं लोग

    अभय सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं और उन्होंने साइंस के क्षेत्र को छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपनाया. महाकुंभ में आने वाले लोग उन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से भी पुकारते हैं, और उनका जीवन और यात्रा बाकी आध्यात्मिक कहानियों से काफी अलग है.

    अभय सिंह ने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र को छोड़कर आध्यात्मिकता की राह क्यों चुनी. उन्होंने बताया कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की थी और मुंबई में चार साल तक रहे थे. बाद में उन्होंने फोटोग्राफी और कला के क्षेत्र में रुचि ली और इस बदलाव को फिल्म ‘3 इडियट्स’ से भी जोड़ा.

    कैसे बदली 'IIT बाबा' की लाइफ?

    अभय सिंह ने कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी भी पाई और कुछ समय तक कॉर्पोरेट दुनिया में काम किया, लेकिन जल्दी ही उन्होंने महसूस किया कि उनका असली लक्ष्य कुछ और था.  फोटोग्राफी, खासकर ट्रैवल फोटोग्राफी, के प्रति उनकी दीवानगी ने उन्हें इंजीनियरिंग छोड़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने इस क्षेत्र में प्रोफेशनल कोर्स किया, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया. उन्होंने कहा, “इस दौरान मेरी जीवन को लेकर सोच बदलने लगी.”

    फोटोग्राफी के बाद अभय सिंह ने कुछ समय तक टीचिंग भी की. उन्होंने एक कोचिंग सेंटर खोला, जहां वह छात्रों को फिजिक्स पढ़ाते थे. हालांकि, अकादमिक सफलता के बावजूद पारंपरिक करियर ने उन्हें वह संतुष्टि नहीं दी, जो वह ढूंढ रहे थे. समय के साथ उनकी रुचियां आध्यात्मिकता की ओर मुड़ गईं, और उन्होंने अपना जीवन गहरे आध्यात्मिक सत्य को समझने और अनुभव करने में समर्पित कर दिया.

    खुद को भगवान शिव का भक्त मानते हैं अभय सिंह

    अभय सिंह खुद को भगवान शिव का भक्त मानते हैं. अपने आध्यात्मिक अनुभवों पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, “अब मैं आध्यात्मिकता का आनंद ले रहा हूं. मैं इसे विज्ञान के दृष्टिकोण से समझता हूं और इसके गहरे रहस्यों को जानने की कोशिश कर रहा हूं. सब कुछ शिव है. सत्य शिव है, और शिव सुंदर है.”

    महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने कई लोगों को आकर्षित किया है, खासकर इस वजह से कि वह पत्रकारों से अंग्रेजी में आसानी से बातचीत करते हैं. उनकी वैज्ञानिक ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान का अद्भुत मेल उन्हें पारंपरिक संन्यासी छवि से अलग करता है.

    सोशल मीडिया पर भी वो काफी पॉपुलर हैं. इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 29,000 फॉलोवर्स हैं. उनके पोस्ट मुख्य रूप से ध्यान, योग, प्राचीन सूत्रों और आध्यात्मिक प्रथाओं पर होते हैं. महाकुंभ में अपने अनुभव को लेकर अभय सिंह ने शांति का एहसास व्यक्त किया और कहा कि यहां आकर उन्हें मानसिक शांति मिली है.

    ये भी पढ़ेंः IIT खड़गपुर के हॉस्टल में फंदे से लटका मिला कैंपस का टॉपर छात्र, क्यों संस्थान का ई-मेल हो रहा वायरल?

    भारत